भिलाई। आगामी विधानसभा चुनाव को हर संभव बहुमत के साथ जीत दर्ज करने कांग्रेस और भाजपा मंथन करने में कसर नहीं छोड़ेगी।
भाजपा ने तो अपनी 21 प्रत्याशियों की लिस्ट तो जारी कर दी है लेकिन कांग्रेस ने भीतरघात की संभावना होने की आशंका भांपते हुए काफी मंथन कर टिकट देने की बातें कह रही है।वहीं वार्डो की समस्याओं से रहवासियों में नाराजगी को देखते हुए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि दोनों संगठनों व्दारा चिरपरिचित प्रत्याशी को मैदान में उतारा गया तो जीत हासिल करना मुश्किल ही नहीं नामुमकिन होगा।
दुर्ग जिले के गृहमंत्री ताम्रध्वज साहू और रविन्द्र एवं मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को वाक-ओवर मिलना निश्चित है। लेकिन वैशाली नगर और भिलाईनगर ऐसे विधानसभा हैं जिसे जीतने भाजपा और कांग्रेस पूरी ताकत झोंक देगी।
पिछले दो वर्षों से वैशालीनगर से मुकेश चन्द्राकर को कांग्रेस अध्यक्ष बनाये जाने के बाद से ही संगठन में नई ऊर्जा पैदा करने में सफल हुए हैं। नगर निगम रिसाली और भिलाई में जीत हासिल कर अपना कद ऊंचा कर लिया है और विधानसभा के एक सशक्त दावेदार हो सकते हैं। वहीं पूर्व मंत्री और भिलाईनगर के पूर्व विधायक बदरुद्दीन कुरैशी अल्पसंख्यक वर्ग से पिछले चुनाव में वैशाली नगर से कांग्रेस के प्रत्याशी रह चुके हैं। जिस तरह से संगठनो ने युवाओं पर भरोसा करने की बात कह रही है ऐसी स्थिति में शायद उन्हें अपने अनुभव का फायदा नहीं मिले तो वे अचंभित नहीं होंगे। यदि किसी कारणवश देवेन्द्र यादव को भिलाईनगर से कांग्रेस अपना प्रत्याशी नहीं बनाता है तो भिलाई नगर निगम के महापौर नीरज पाल को प्रत्याशी बनाया जाना निश्चित माना जा रहा है।