सिरसा। डेरा सच्चा सौदा प्रमुख गुरमीत सिंह उर्फ राम रहीम को हरियाणा सरकार ने फिर एक बार 50 दिनों के पैरोल दे दी है। सजा मिले इन छ: सालों में 182 दिन उन्हें बाहर निकलने की छुट्टी मिल चुकी है।
राम रहीम बलात्कार और हत्या के मामले में आजीवन कारावास और 20 साल की सजा मिली हुई है। उनपर 2002 में अनुयायी रणजीत सिंह और सन 2017 को पत्रकार रामचन्द्र छत्रपति की हत्या करने पर आजीवन कारावास एवं दो साध्वियों से बलात्कार करने पर 20 वर्ष की सजा मिली हुई है। वे रोहतक के सुनारिया जेल में सजा काट रहे हैं। उन्हें हरियाणा सरकार इन सजा मिले 6 वर्षों में विभिन्न कारणों से पैरोल और फैरोल पर छोड़ चुकी है। देश में उनके लाखों अनुयाई हैं और लगभग 45 डेरे पूरे देश में फैले हैं। सोचनीय विषय यह है कि जब जब हरियाणा,पंजाब,यूपी, राजस्थान में चुनाव होती है तो उन्हें पैरोल पर छोड़ा जाता रहा है।
डेरा प्रमुख राम रहीम ने पैरोल पर जेल से बाहर आकर फ र एक बार शुक्रवार को डेरा प्रेमियों से 22 जनवरी को होने जा रहे श्रीराम लला प्राण-प्रतिष्ठा कार्यक्रम में पहुंचने का संदेश दिया है। राम रहीम शुक्रवार को पैरोल पर रिहा हो गया। राम रहीम को 50 दिनों की पैरोल दी गई है। रहीम रोहतक के सुनारिया जेल में सजा काट रहा है।
संदेश में राम रहीम ने समर्थकों से कहा कि एक बार फिर से आपकी सेवा में हाजिर हो गए हैं। उन्होंने अपने समर्थकों से कहा कि उत्तर प्रदेश स्थित डेरा में किसी को नहीं आना है। राम रहीम ने कहा कि 22 जनवरी को पूरे देश में राम जी का पर्व मनाया जा रहा है, सभी लोगों ने इस पर्व में भाग लेना है। इस पर्व को दीपावली की तरह मनाना है। भगवान सब लोगों को खुशियां दे ऐसी कामना करते है। पैरोल मिलने के बाद राम रहीम यूपी के बागपत स्थित बरनाला आश्रम पहुंचा, जहां से उसने अपने समर्थकों के लिए यह वीडियो संदेश जारी किया।
जानें क्या होती है पैरोल
किसी भी मुजरिम की सजा पूरी होने से पहले की रिहाई को पैरोल कहते हैं। पैरोल पर जेल से बाहर जाने के लिए कैदी को वजह बतानी पड़ती है। इस पूरे मामले में राज्य सरकार को पैरोल देने का अधिकार होता है।