पुलिस व्यवस्था को दुरुस्त करने और प्रशासनिक कसावट लाने के उद्देश्य से पुलिस अधीक्षक भावना गुप्ता ने बड़े पैमाने पर थाना प्रभारियों के तबादले किए हैं. 19 मई 2025 को जारी आदेश के तहत 15 अधिकारियों-कर्मचारियों को तत्काल प्रभाव से नए पदस्थापना स्थल पर भेजा गया है. एसपी कार्यालय से जारी आदेश में स्पष्ट किया गया है कि यह स्थानांतरण प्रशासनिक दृष्टिकोण से किया गया है और अगले आदेश तक ये सभी अपने नवीन पदस्थापन स्थल पर कार्यभार ग्रहण करेंगे.
स्थानांतरित किए गए कई अधिकारी उन्हीं थानों में वापस भेजे गए हैं, जहां वे पहले भी सेवा दे चुके हैं. इससे वे नई जगह की भौगोलिक व सामाजिक परिस्थितियों से पहले से परिचित होंगे और कार्य में किसी प्रकार की कठिनाई नहीं होगी. यही कारण है कि कई अधिकारी अपने पूर्व के थानों में लौटने को लेकर संतुष्ट नजर आ रहे हैं. इससे प्रशासन की मंशा स्पष्ट होती है कि एसपी भावना गुप्ता बिना समय गंवाए, अनुभवी अधिकारियों को उनके परिचित क्षेत्रों में तैनात कर कार्यवाही में तेजी लाना चाहती हैं.
किसका कहां हुआ तबादला?
तबादला सूची में निरीक्षक गोपाल सिंह धुर्वे को थाना गिधपुरी से हटाकर लाइन भेजा गया है. वहीं निरीक्षक नरेश चंद्र दीवान को लाइन से गिधपुरी थाना, हेमंत पटेल को थाना गिधौरी से पलारी थाना, धीरेंद्र नाथ दुबे को पलारी थाना से गिधौरी, अमित पाटले को सुहेला से लवन, केशर पराग बंजारा को लवन से सुहेला, उमेश देशमुख को यातायात थाना बलौदा बाजार से यातायात थाना कसडोल, उप निरीक्षक प्रियेश जॉन को पुलिस सहायता केंद्र निपानिया से यातायात थाना बलौदा बाजार, सहायक उप निरीक्षक गोकुल प्रसाद पटेल को पुलिस सहायता केंद्र सोनाखान से पुलिस सहायता केंद्र निपानिया, जीवन लाल वर्मा को यातायात शाखा कसडोल से पुलिस चौकी सोनाखान, रमेश मिश्रा पुलिस लाइन से यातायात शाखा भाटापारा, शेख करीमुद्दीन कुरैशी यातायात शाखा भाटापारा से भाटापारा शहर थाना, परमानंद गिलहरे पुलिस सहायता केंद्र निपानिया से पुलिस लाइन, दिनेश शुक्ला भाटापारा शहर थाना से थाना गिधपुरी, संपत महापात्र को पुलिस लाइन से थाना सिमगा भेजा गया.
क्यों उठाया ये कदम?
एसपी गुप्ता की ओर से यह कदम ऐसे समय में उठाया गया है जब जिले में चोरी, सट्टा, अवैध शराब बिक्री और सड़क दुर्घटनाओं की घटनाएं लगातार सामने आ रही थीं. इन तबादलों के बाद यह देखा जाना महत्वपूर्ण होगा कि किस हद तक कानून व्यवस्था में सुधार आता है. पुलिस अधीक्षक द्वारा उठाया गया यह कदम स्पष्ट संकेत देता है कि वे जिले में अपराध पर लगाम लगाने और जिम्मेदार पुलिसिंग को प्राथमिकता दे रही हैं.