नए वित्त वर्ष की शुरूआत के साथ ही टैक्सपेयर्स ने इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) फाइल करने की तैयारी शुरू कर दी है. आयकर विभाग जल्द ही असेसमेंट ईयर 2025-26 के लिए आयकर रिटर्न फॉर्म्स अधिसूचित कर देगा. कर्मचारियों को कंपनियां जल्द ही फॉर्म 16 उपलब्ध करा देगी. इस बार आयकर विभाग ने फॉर्म 16 में कई बदलाव किए हैं. इन बदलावों से टैक्सपेयर्स को रिटर्न फाइल करने में आसानी होगी. पहले जहां फॉर्म 16 में सीमित जानकारी होती थी, अब विस्तृत विवरण होने से यह प्रक्रिया और पारदर्शी तथा आसान हो जाएगी.
ITR भरने वाले वेतनभोगी कर्मचारियों के लिए फॉर्म 16 एक अहम दस्तावेज होता है, जो उनके नियोक्ता यानी कंपनी द्वारा जारी किया जाता है. फॉर्म16 में कर्मचारी की सैलरी और टीडीएस से जुड़ी अहम जानकारियां होती हैं. नए फॉर्मेट में अब टैक्स कटौती, छूट और सैलरी से जुड़ी जानकारी ज्यादा स्पष्ट रूप से दर्ज होगी. नए फॉर्मेट में टैक्सपेयर्स को अब ज्यादा डिटेल में जानकारी मिलेगी. पहले जहां सिर्फ बेसिक जानकारी दी जाती थी, अब टैक्स-फ्री अलाउंस, कितनी कटौती हुई, और कौन-से सैलरी बेनिफिट्स टैक्स के दायरे में आए आदि का विस्तृत विवरण होगा.
फॉर्म 16 के होते हैं दो भाग
फॉर्म 16 के दो भाग होते हैं. भाग A में कर्मचारी और नियोक्ता की जानकारी, टीडीएस की राशि, और हर तिमाही में टैक्स कटौती का ब्योरा होता है. वहीं, भाग B में सैलरी ब्रेकअप, धारा 10 के तहत छूट (जैसे – HRA) और 80C, 80D जैसी धाराओं के तहत कटौतियों का विवरण होता है. फॉर्म 16 न केवल टैक्स रिटर्न भरने में मदद करता है, बल्कि यह बैंक लोन के लिए आय प्रमाण के रूप में भी इस्तेमाल होता है. अगर किसी कर्मचारी ने साल भर में ज्यादा टैक्स चुकाया है, तो उसी के आधार पर वह रिफंड क्लेम कर सकता है.