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बंगाल की खाड़ी में लगातार पांचवें साल सूखा, दो राज्‍य बने हीट चैंबर, यहां तूफानी मौसम

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कहीं धूप तो कहीं छाया. भारतीय मौसम का हाल आज के दिन कुछ ऐसा ही है. देश के किसी हिस्‍से में जमकर बारिश हो रही है तो कहीं तापमान 50 डिग्री के करीब पहुंच रहा है. बिहार, उत्‍तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, पश्चिम बंगाल में मौसम का मिजाज तूफानी बना हुआ है. राजस्थान, गुजरात, हरियाणा, दिल्‍ली, पश्चिमी उत्‍तर प्रदेश जैसे राज्‍यों में अधिकतम तापमान लगातार बढ़ रहा है. केरल में इस बार प्री-मॉनसून बारिश ने तेवर दिखाया है और अभी तक सामान्‍य से 39 फीसद ज्‍यादा वर्षा हो चुकी है. दक्षिण-पश्चिम मानसून को प्रभावित करने और बारिश को रफ्तार देने में अहम भूमिका निभाने वाले बंगाल की खाड़ी में सूखा पड़ा हुआ है. यह लगातार पांचवां साल है, जब अप्रैल के महीने में बंगाल की खाड़ी में कोई चक्रवाती तूफान नहीं उठा है. इससे मौसम के ड्राई होने के आसार हैं. आनेवाले समय में इसका असर ज्‍यादा दिख सकता है.

देश की राजधानी दिल्‍ली में तापमान धीरे-धीरे बढ़ रहा है. हालांकि, दिल्‍ली और आसपास के इलाकों में 29 अप्रैल 2025 को मौसम के खराब रहने का पूर्वानुमान है. 1 मई तक मौसम के तेवर नरम रह सकते हैं. राजस्‍थान और गुजरात में आसमान से आग के गोली बरसने लगे हैं. IMD की ओर से जारी डेटा के अनुसार, राजस्‍थान के बाड़मेर और जैसलमेर में अधिकतम तापमान 46 डिग्री सेल्सियस को क्रॉस कर गया है. गुजरात में भी यही हाल है, जिस वजह से भीषण लू की स्थिति बनी हुई है. सुबह 9-10 बजे के बाद लोग घर की दहलीज लांघने से बच रहे हैं और सड़कों पर कर्फ्यू जैसा आलम है. IMD के अनुसार, 28 अप्रैल को राजस्‍थान के बाड़मेर में अधिकतम तापमान 46.4 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया, जबकि सरहदी शहर जैसलमेर में मैक्सिमम टेम्‍प्रेचर 46.2 डिग्री रिकॉर्ड किया गया. गुजरात के राजकोट में भी अधिकतम तापमान 46.2 रिकॉर्ड किया गया है. इसके अलावा कई शहरों में पारा 40 के पार रहा. महाराष्‍ट्र और मध्‍य प्रदेश के कुछ इलाकों में भी भीषण गर्मी पड़ रही है.

बंगाल की खाड़ी का हाल
बंगाल की खाड़ी पूर्वी और नॉर्थईस्‍ट रीजन के मौसम को व्‍यापक पैमाने पर प्रभावित करता है. स्‍काईमे वेदर की रिपोर्ट में इसी बंगाल की खाड़ी को लेकर चौंकाने वाली बात कही गई है. यह लगातार पांचवां साल है, जब अप्रैल महीने में बंगाल की खाड़ी में कोई चक्रवाती तूफान नहीं उठा. इससे प्रभावित क्षेत्रों में मौसम ज्‍यादा ड्राई या शुष्‍क हो गया है. प्री-मानसून सीजन में इस बार भारतीय समुद्रों में अब तक कोई बड़ा तूफान नहीं बना है. बंगाल की खाड़ी में अरब सागर से अधिक तूफान बनते हैं. खाड़ी में अप्रैल में ये तूफान अंडमान सागर में डेवलप होते हैं. दिलचस्‍प है कि मई के मुकाबले बंगाल की खाड़ी में अप्रैल में कम ही चक्रवाती तूफान बनते हैं. पिछले 30 सालों (1995 से 2025 तक) में केवल चार चक्रवातीय तूफान बंगाल की खाड़ी में बने हैं. इन चार तूफानों में से आखिरी तूफान अप्रैल 2019 में आया था. यह एक अत्यधिक गंभीर चक्रवाती तूफान था और उसका नाम फानी था.

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