पश्चिम बंगाल का मुर्शिदाबाद जिला इन दिनों हिंसा की आग में झुलस रहा है. यहां नए वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान भड़की हिंसा में कम से कम तीन लोगों की मौत हो गई, वहीं 15 से अधिक पुलिसकर्मी घायल हुए हैं. पुलिस ने इस हिंसा के मामले में 150 से ज्यादा उपद्रवियों को गिरफ्तार किया है. इस हिंसा के बाद इलाके में दहशत का माहौल है. वहीं सत्ताधारी तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और विपक्षी भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी चरम पर है. टीएमसी विधायकों के बयान, मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मुस्लिम नेताओं के साथ बैठक और बीजेपी नेताओं के सोशल मीडिया पर तीखे हमले इस सवाल को जन्म दे रहे हैं कि क्या पश्चिम बंगाल को अस्थिर करने की कोई साजिश रची जा रही है?
मुर्शिदाबाद के जंगीपुर, सुती और शमशेरगंज जैसे इलाकों में वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन ने हिंसक रूप ले लिया. प्रदर्शनकारियों ने पुलिस पर पथराव किया, वाहनों में आग लगाई और राष्ट्रीय राजमार्ग को जाम कर दिया. पुलिस के अनुसार, हिंसा की शुरुआत एक अफवाह से हुई, जिसमें दावा किया गया कि पुलिस कार्रवाई में एक प्रदर्शनकारी की मौत हो गई. इसके बाद भीड़ ने उग्र रुख अख्तियार कर लिया. हालात को नियंत्रित करने के लिए बीएसएफ की 8 कंपनियों को तैनात किया गया है. वहीं कलकत्ता हाई कोर्ट ने केंद्र और राज्य सरकार से विस्तृत रिपोर्ट मांगी है. कोर्ट ने साफ कहा कि वह ‘आंखें मूंदकर नहीं बैठ सकता’ और शांति बहाली उसका प्राथमिक लक्ष्य है.
TMC विधायकों के बयान ने विवाद को हवा दी
इस बीच, टीएमसी विधायकों के बयान ने विवाद को और हवा दी. जंगीपुर के टीएमसी विधायक ने दावा किया कि वक्फ कानून के खिलाफ प्रदर्शन अचानक से हिंसक हो उठे और इसमें कोई सियासी साजिश नहीं थी. उन्होंने कहा, ‘हमारी सरकार हर धर्म की संपत्तियों की रक्षा करती है. यह केंद्र का कानून है, जिसका जवाब केंद्र को देना चाहिए.’ हालांकि, उनके इस बयान पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए इसे ‘हिंसा को जायज ठहराने की कोशिश’ करार दिया. बीजेपी का आरोप है कि टीएमसी हिंसा को प्रायोजित कर रही है ताकि मुस्लिम वोट बैंक को अपने पक्ष में रख सके.
मुस्लिम नेताओं से मिलीं ममता, बीजेपी ने बोला हमला
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस हिंसा के बीच मुस्लिम नेताओं के साथ एक उच्चस्तरीय बैठक की, जिसमें टीएमसी के कई वरिष्ठ नेता शामिल थे. सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में ममता ने मुस्लिम समुदाय को आश्वासन दिया कि उनकी सरकार वक्फ संपत्तियों की रक्षा करेगी और बंगाल में इस कानून को लागू नहीं होने देगी. ममता ने पहले भी सार्वजनिक मंचों से कहा है, ‘मुझे गोली मार दो, लेकिन मैं बंगाल को धार्मिक आधार पर बंटने नहीं दूंगी.’ कोलकाता में ‘नवकार महामंत्र दिवस’ के दौरान उन्होंने एकता पर जोर देते हुए बीजेपी पर निशाना साधा और कहा कि उनकी सरकार हर धर्म का सम्मान करती है. ममता का यह रुख उनके 30% मुस्लिम वोट बैंक को मजबूत करने की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है, जो टीएमसी की सियासी ताकत का आधार है