भारत में सेमीकंडक्टर निर्माण को बढ़ावा देने के लिए केंद्र सरकार के प्रयासों को बड़ी सफलता मिली है. अमेरिकी चिप-मेकिंग टूल्स निर्माता लैम रिसर्च (Lam Research) देश में 10,000 करोड़ रुपये का निवेश करने जा रही है. इस बात की घोषणा केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने मंगलवार को की. यह निवेश कर्नाटक में किया जाएगा. राज्य की निवेश एजेंसी इन्वेस्ट कर्नाटक ने भी अपने सोशल मीडिया अकाउंट पर इस घोषणा की पुष्टि की और बताया कि कर्नाटक इंडस्ट्रियल एरिया डेवलपमेंट बोर्ड (KIADB) के साथ एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए हैं.
अश्विनी वैष्णव ने X पर पोस्ट करते हुए कहा, “हमारे सेमीकंडक्टर सफर में एक और मील का पत्थर: लैम रिसर्च ने भारत में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक के बड़े निवेश की घोषणा की है.” लैम रिसर्च सेमीकंडक्टर निर्माण के लिए जरूरी उपकरण विकसित करने वाली प्रमुख कंपनी है. इसके उत्पाद मुख्य रूप से वैफर प्रोसेसिंग और सेमीकंडक्टर डिवाइसेस की वायरिंग में इस्तेमाल किए जाते हैं.
कर्नाटक में निवेश की पुष्टि
‘इन्वेस्ट कर्नाटक’ के X हैंडल से भी इस निवेश को लेकर जानकारी साझा की गई. एक पोस्ट में कहा गया, “इन्वेस्ट कर्नाटक 2025 – ग्लोबल इन्वेस्टर्स मीट में, लैम रिसर्च के सीनियर वाइस प्रेसिडेंट सेशा वरदराजन ने कर्नाटक में बड़े निवेश की घोषणा की. हमने KIADB के साथ एक MoU साइन किया है, जिसके तहत अगले कुछ वर्षों में 10,000 करोड़ रुपये से अधिक का निवेश किया जाएगा. यह राज्य में नवाचार और विकास के प्रति हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करता है.”
भारत में सेमीकंडक्टर सेक्टर को लेकर सरकार की बड़ी योजना
भारत में सेमीकंडक्टर कंपनियों को आकर्षित करने के लिए, केंद्र सरकार ने 2021 में 76,000 करोड़ रुपये का प्रोत्साहन पैकेज घोषित किया था. वर्षों से इस क्षेत्र में विश्वसनीय निवेश लाने में असफल रहा भारत, 2023 में माइक्रोन (Micron) को गुजरात में 22,500 करोड़ रुपये की टेस्टिंग और पैकेजिंग यूनिट स्थापित करने के लिए राजी करने में सफल रहा था. इसके बाद फरवरी 2024 में 1.3 लाख करोड़ रुपये के तीन प्रस्तावों को मंजूरी दी गई. अब लैम रिसर्च के निवेश से भारत के सेमीकंडक्टर सेक्टर को और मजबूती मिलने की उम्मीद है.