इकॉनमी के मोर्चे पर अच्छी खबर है. चालू वित्त वर्ष सरकारी खजाने के लिए बेहतर साबित हो रहा है. सरकार की टैक्स से आय लगातार बढ़ रही है. देश का नेट डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन 1 अप्रैल से 10 फरवरी की अवधि के दौरान पिछले साल की तुलना में 14.69 फीसदी बढ़कर 17.78 लाख करोड़ रुपये हो गया. डायरेक्ट टैक्सेज में कॉर्पोरेट और पर्सनल टैक्स शामिल हैं.
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) के डेटा के मुताबिक, नेट नॉन-कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन सालाना आधार पर 21 फीसदी बढ़कर लगभग 9.48 लाख करोड़ रुपये हो गया. नॉन-कॉरपोरेट टैक्स में मुख्य रूप से पर्सनल इनकम टैक्स शामिल है.
4.10 लाख करोड़ रुपये का रिफंड जारी
1 अप्रैल, 2024 से 10 फरवरी, 2025 के बीच नेट कॉरपोरेट टैक्स कलेक्शन 6 फीसदी से ज्यादा बढ़कर 7.78 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा हो गया. सिक्योरिटीज ट्रांजैक्शन टैक्स (STT) से नेट कनेक्शन चालू वित्त वर्ष में अबतक 65 फीसदी बढ़कर 49,201 करोड़ रुपये हो गया है. इस अवधि के दौरान 4.10 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा के ‘रिफंड’ जारी किए गए.
Data on Direct Tax (DT) collections for FY 2024-25 as on 10.02.2025 has been released.
The data is available on the national website of Income Tax Department at the following link:https://t.co/B7lJ1c1yGP@nsitharamanoffc@officeofPCM@FinMinIndia@PIB_India
— Income Tax India (@IncomeTaxIndia) February 11, 2025
क्या होते हैं डायरेक्ट और इनडायरेक्ट टैक्स
मोटे अर्थों में टैक्स 2 कैटेगरी में बांटा जाता है. डायरेक्ट टैक्स और इनडायरेक्ट टैक्स. डायरेक्ट टैक्स वो है, जो सीधे लिया जाता है. इनकम टैक्स, शेयर या दूसरी प्रॉपर्टी की आय पर लगने वाले टैक्स, कॉर्पोरेट टैक्स, विरासत में मिली संपत्ति पर टैक्स इसी कैटेगरी में आते हैं. इनडायरेक्ट टैक्स सीधे-सीधे तो आम आदमी से नहीं लिया जाता लेकिन किसी न किसी तरह से ये आम आदमी को ही देना होता है. मिसाल के तौर पर एक्साइज टैक्स, जीएसटी, कस्टम टैक्स. ये टैक्स सीधे तो नहीं जाता है लेकिन किसी तरह की सर्विस या खरीदी पर ये टैक्स देना होता है.