इनकम टैक्स रिटर्न (ITR) भरने का समय नजदीक आ गया है. इसके साथ ही शुरू हो जाएगी टैक्स बचाने की जद्दोजहद और कई करदाता इसके लिए फर्जी दावे भी करते हैं. टैक्स क्लेम की इस धोखाधड़ी को रोकने के लिए ही विभाग ने इस बार कई बदलाव किए हैं. वित्तवर्ष 2025-26 में आईटीआर भरते समय टैक्स क्लेम करने वालों को सिर्फ पर्ची लगाने भर से छूट नहीं मिल जाएगी, बल्कि उन्हें अपने निवेश, दान और किराये से जुड़ी एक-एक डिटेल आईटीआर में भरनी होगी.
खासकर पुराने टैक्स रिजीम के तहत क्लेम करने वाले करदाताओं को छूट और कटौतियों का दावा करते समय विस्तृत जानकारी देना जरूरी होगा. इनकम टैक्स विभाग ने ITR यूटिलिटी उपलब्ध करा दिया है और कर विशेषज्ञों ने बताया है कि विस्तृत जानकारी जमा करना अब अनिवार्य हो गया है. अगर बीमा पर टैक्स छूट ले रहे तो बीमा कंपनी के नाम, पॉलिसी नंबर, होम लोन के लिए इसकी डिटेल जानकारी, हाउस रेंट अलाउंस (HRA) के लिए किराया भुगतान से जुड़ी जानकारी देना जरूरी होगा.
मकान मालिक की पूरी डिटेल जरूरी
टैक्स एक्सपर्ट की मानें तो अब एचआरए का दावा करने के लिए मकान मालिकों की पूरी जानकारी देना जरूरी है. इसी तरह, अगर राजनीतिक दलों को दान करने पर छूट चाहिए तो पार्टी के पंजीकरण नंबर और अन्य संबंधित विवरण देने होंगे. इलाज के खर्च पर छूट का दावा करते समय उस खास बीमारी का विवरण देना जरूरी होगा. टैक्स एक्सपर्ट का कहना है कि इस साल से आयकर विभाग ने सभी छूट और कटौतियों के लिए डिटेल में खुलासा करना जरूरी कर दिया है.
जांच करने के बाद ही मिलेगा क्लेम
आईटीआर में टैक्स क्लेम से जुड़ी जानकारियों की आयकर विभाग जांच करेगा और उसके बाद ही क्लेम मंजूर करेगा. इस बार रिटर्न भरने की डेडलाइन भी बढ़ाकर 15 सितंबर कर दी गई है. लिहाजा टैक्सपेयर्स के लिए सभी डॉक्यूमेंट जुटाने के लिए पर्याप्त समय भी मिल जाएगा. बेहतर होगा कि करदाता सभी डॉक्यूमेंट जुटाने के बाद ही आईटीआर में अपना क्लेम करें.
एचआर के लिए कंपनी की डिटेल जरूरी
HRA छूट का दावा करने के लिए करदाताओं को अपने नियोक्ता का विवरण , कितना एचआरए मिलता है, वास्तविक किराया और मकान मालिक का विवरण भी देना होगा. इसके अलावा धारा 80C के तहत बीमा प्रीमियम पर कटौती का दावा करने के लिए करदाता को पॉलिसी नंबर या रसीद नंबर जमा करना होगा. इसी तरह, PPF खाते पर कटौती का दावा करने के लिए करदाता को रिटर्न में खाता नंबर का भी उल्लेख करना होगा. इसी तरह, स्वास्थ्य बीमा के लिए कटौती का दावा करना चाहते हैं तो बीमा कंपनी का नाम और पॉलिसी नंबर जमा करना होगा.