भावुक और सोचने पर मजबूर करने वाली यह कहानी यूपी के गोरखपुर की कलावती की है, जो 2019 से वृद्धाश्रम में रह रही हैं। बेटे ने बेशक उन्हें घर से बाहर निकाला, लेकिन उन्होंने उसी की सुख-समृद्धि की कामना के लिए जितिया व्रत रखा है।
भावुक और सोचने पर मजबूर करने वाली यह कहानी यूपी के गोरखपुर की कलावती की है, जो 2019 से वृद्धाश्रम में रह रही हैं। बेटे ने बेशक उन्हें घर से बाहर निकाला, लेकिन उन्होंने उसी की सुख-समृद्धि की कामना के लिए जितिया व्रत रखा है।