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यूपी की योगी कैबिनेट ने महाकुंभ के प्रचार-प्रसार के लिए खजाना खोल दिया, शराब होगी सस्ती, 23 प्रस्तावों पर लगी मुहर

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लखनऊ
यूपी की योगी कैबिनेट ने महाकुंभ के प्रचार-प्रसार के लिए खजाना खोल दिया है। शुक्रवार को सीएम योगी की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में 24 प्रस्ताव रखे गए थे। इनमें से 23 को मंजूरी मिल गई है। बैठक के बाद कैबिनेट मंत्री एके सिंह और सुरेश खन्ना ने कैबिनेट के फैसले की जानकारी मीडिया से साझा की। बताया कि महाकुंभ के लिए देश के बड़े शहरों जैसे नई दिल्ली, गोवा, देहरादून, भोपाल, इंदौर, भुवनेश्वर, चंडीगढ़ और पटना जैसे शहरों में रोड शो होगा। में रोडशो किया जाएगा। इसके अलावा विदेशों में नेपाल, थाईलैंड, इंडोनेशिया, मॉरिशस में रोड शो को भी मंजूरी दी गई है। रोडशो में महाकुंभ की विरासत से लोगों को परिचित कराया जाएगा। गृह विभाग का भी महाकुंभ से जुड़ा एक प्रस्ताव था। इसमें नए वाहन खरीदने के लिए प्रस्ताव रखा गया था। इसे भी मंत्री परिषद ने मंजूरी दे दी है। कुल 220 वाहन खरीदे जाएंगे। इनमें 200 बोलोरो, 20 बसें 27.48 करोड़ से खरीदी जाएंगी।

बैठक में एक्सट्रा न्यूट्रल अल्कोहल को लेकर भी फैसला हुआ है। इसे जीएसटी से बाहर कर वैट के दायरे में लाया गया है। इससे शराब बनाने की लागत कम होगी और सस्ती शराब मिल सकेगी। इसके साथ ही अभी तक जीएसटी की वजह से 50 फीसदी मिलने वाला फायदा 100 फीसदी हो जाएगा। इसके अलावा ग्रीन एनर्जी और कॉरिडोर के तहत चित्रकूट में 620 करोड़ की लागत से सब स्टेशन व ट्रांसमिशन लाइन बनेगी। इसमें 33 प्रतिशत खर्च केंद्र सरकार देगी।

मंत्री ने बताया कि बुंदेलखंड में 4000 मेगावाट की परियोजनाओं पर काम चल रहा है। चित्रकूट में 800 मेगावाट का सोलर प्लांट लगेगा। प्लांट के लिए 620 करोड़ की लागत से ट्रांसमिशन लाइन बनेगी। नजूल भूमि का संशोधित प्रस्ताव भी कैबिनट में रखा गया था लेकिन इसे फिलहाल रोक लिया गया है। इससे पहले भी नजूल भूमि का प्रस्ताव योगी कैबिनेट एक बार पास करके विधानमंडल में भेज चुकी है। विधानसभा में तो प्रस्ताव पास हो गया था लेकिन विधानपरिषद से इसे प्रवर समिति को भेज दिया गया था। कुछ संशोधनों के बाद दोबारा इसे कैबिनेट में लाया गया लेकिन पास नहीं हो सका है। विधानपरिषद में प्रस्ताव का विरोध खुद भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी ने कर दिया था।

इसके अलावा 9 विकास प्राधिकरणों को 20 साल के लिए 4064 करोड़ रुपए देने को भी मंजूरी मिली है। इन विकास प्राधिकरणों में सहारनपुर, मथुरा, फिरोजाबाद, शिकोहाबाद, लखनऊ, मुरादाबाद, बांदा, मेरठ और खुर्जा शामिल हैं।

हर जिले में एक विश्वविद्यालय
यूपी में अब हर मंडल में विश्वविद्यालय हो गया है। फिलहाल 171 महाविद्यालय हैं। 71 महाविद्यालय नवनिर्मित या निर्माणाधीन हैं। इसमें से 17 संगठक महाविद्यालय के रूप में संचालित थे, जो विश्वविद्यालय से एफिलेटेड थे। अब इन 71 महाविद्यालयों को राजकीय विद्यालय के रूप में संचालित करने का प्रस्ताव पास किया गया है। अगले 5 साल में हर जिले में एक विश्वविद्यालय होगा। इसके अलावा 71 प्राचार्य के पद, 1136 सहायक आचार्य, 639 क्लास-3 और 710 क्लास-4 के पद भी सृजित होंगे। बिजनौर में विवेक महाविद्यालय को प्राइवेट विश्वविद्यालय के रूप में मान्यता दी गई है। यानी एक और विश्वविद्यालय प्रदेश को मिल गया है। टॉप-100 में यूपी के 3 विश्वविद्यालय आ चुके हैं।

नोएडा में एक्वा लाइन मेट्रो का विस्तार होगा
नोएडा में 17.435 किलोमीटर की एक्वा लाइन मेट्रो का विस्तार होगा। 394 करोड़ केंद्र सरकार और इतना ही राज्य सरकार देगी। यह परियोजना 2,960 करोड़ रुपए की है।

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