कोरोना महामारी के दौरान शुरू हुआ वर्क फ्रॉम होम का कल्चर तेजी से बढ़ा है. आलम यह है कि अब लोग ऑफिस जाने के बजाय घर से काम करने को प्राथमिकता दे रहे हैं. इतना ही नहीं बड़ी संख्या में कर्मचारी इस लचीली व्यवस्था को वेतन से ज्यादा तवज्जो दे रहे हैं. विशेषज्ञों का मानना है कि इसके साथ ही कार्यालय की जगह घर या किसी अन्य स्थान से काम करने की अनुमति देने से कंपनियों को प्रतिभावान कर्मचारी पाने और उन्हें कंपनी में बनाए रखने में मदद मिल रही है.
‘द जॉब सर्च प्रोसेस: ए लुक फ्रॉम द इनसाइड आउट’ शीर्षक वाले एक सर्वेक्षण के अनुसार, दो-तिहाई लोगों ने मिलीजुली व्यवस्था या रिमोट वर्किंग को प्राथमिकता दी है. इनमें से 71 प्रतिशत उत्तरदाताओं का मानना है कि उन्होंने नौकरी खोजते समय घर से काम करने की आजादी, काम के घंटों में लचीलापन और आवश्यकतानुसार ब्रेक लेने की सुविधा को प्राथमिकता दी.
सर्वे में कंपनी और कर्मचारी दोनों की राय
रोजगार वेबसाइट इनडीड इंडिया के इस सर्वेक्षण में 561 नियोक्ताओं और 1,249 नौकरी चाहने वालों सहित कुल 1,810 व्यक्तियों से बात की गई. सर्वेक्षण में 63 प्रतिशत नौकरी चाहने वालों ने मिलीजुली व्यवस्था यानी घर और कार्यालय दोनों जगह से काम करने की सुविधा को प्राथमिकता दी, जबकि 51 प्रतिशत कंपनियों ने भी अपने संचालन में इस तरह के लचीलेपन की पेशकश की.
दुनियाभर में करोड़ों कर्मचारी वर्क फ्रॉम होम के पक्ष में हैं. अमेरिका में WFH को लेकर एक सर्वे हुआ था, जिसमें स्थाई रूप से घर से काम कर रहे कर्मचारियों ने ऑफिस आने से साफ इनकार किया है और कहा कि वे इसके लिए कम वेतन लेने के लिए तैयार हैं. वहीं, कुछ कर्मचारी सुविधाओं के साथ समझौता करने को तैयार हैं, लेकिन वे चाहते हैं कि उन्हें ऑफिस आने के एवज में उन्हें बेहतर पैकेज मिले.