छत्तीसगढ़ में मानसून सक्रिय है। राजधानी रायपुर समेत पूरे प्रदेश में पिछले तीन दिनों से रुक-रुक कर बारिश हो रही है। कई हिस्सों में हल्की तो कई जगहों पर भारी बारिश हो रही है। लगातार हो रही वर्षा से जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है।
राजधानी के कई इलाकों में जलभराव के हालात बन गए, जिसके चलते लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ा। गरियाबंद में भारी बारिश के बाद बाढ़ के हालात बन गए और चिंगरापगार वॉटरफॉल घूमने गए पर्यटक कई घंटों तक बाढ़ में फंसे रहे।
पुलिस ने रेस्क्यू कर पर्यटकों को बाहर निकाला। इधर राजिम, अभनपुर, चंपारण्य और नवा रायपुर में भी जमकर बादल बरसे। मौसम विभाग के मुताबिक प्रदेश में फिलहाल यही स्थिति बनी रहेगी। कुछ जगहों पर हल्की से मध्यम कुछ जिलों में भारी बारिश का अलर्ट भी जारी किया गया है। मुख्य रूप से दक्षिण और मध्य छत्तीसगढ़ में बारिश के आसार हैं।
बारिश के आंकड़े मिलीमीटर में
प्रदेश में इस सीजन में सबसे ज्यादा बीजापुर में 773.4 मिलीमीटर बारिश हुई है। जबकि बालोद में 619.2 मिमी, धमतरी में 511.4 मिमी, राजनांदगांव में 552 मिमी और सुकमा में 636.5 मिमी बारिश 1 जुलाई से 23 जुलाई तक रिकॉर्ड की गई है, जो सामान्य से ज्यादा है। जबकि सरगुजा में केवल 172.3 मिमी ही बारिश हुई है, जो यहां सूखे की स्थिति को बताता है। इसके अलावा राजधानी रायपुर में 495.4 मिमी औसत बारिश हुई है, जो सामान्य है।
आने वाले 24 घंटे कैसा रहेगा मौसम
मानसूनी द्रोणिका इस वक्त दीसा, रतलाम, बैतुल, ब्रम्हपुरी, कांकेर, कलिंगापट्टनम, और उसके बाद दक्षिण-पूर्व की और होते हुए स्थित है। पश्चिमी मध्य बंगाल की खाड़ी तक फैली हुई है जो कि मध्य समुद्र तल से 1.5 किमी ऊंचाई पर एक ऊपरी हवा का चक्रवाती सिस्टम दक्षिण ओडिशा और उसके आस पास के क्षेत्र के ऊपर 3.1 किमी ऊंचाई पर स्थित है। जबकि एक हवा का शियर जोन 20 डिग्री उत्तरी अक्षांश पर मध्य समुद्र तल से 3.1 किलोमीटर से 5.8 किलोमीटर ऊंचाई के बीच है। आज दक्षिण मध्य और उससे लगे उत्तरी पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर एक निम्न दबाव क्षेत्र बनने की संभावना है। जिसके असर से राजधानी रायपुर समेत प्रदेश में कई जगहों पर बारिश होने या फिर गरज-चमक की संभावना है। प्रदेश के एक दो जगहों पर भारी बारिश भी हो सकती है।