Home राष्ट्रीय ब्रह्मांड के कई राज खोलेगा ‘यूक्लिड’ टेलिस्कोप

ब्रह्मांड के कई राज खोलेगा ‘यूक्लिड’ टेलिस्कोप

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ब्रह्माण्ड की कई संकल्पनाएं सदियों से हमारे लिए पहेली बनी हुईं हैं. ब्रह्मांड अपने भीतर कई तरह के राज और विचित्रताओं को समेटे हुआ है. आधुनिक ब्रह्मांड विज्ञान (कॉस्मोलॉजी) की बदौलत जैसे-जैसे ब्रह्मांड के बारे में हमारी समझ में इजाफा होता गया, वैसे-वैसे उसकी विचित्रताएं हमें और भी उलझाती गईं. ब्रह्माण्ड की इन्हीं विचित्रताओं में शामिल हैं – डार्क मैटर और डार्क एनर्जी. दरअसल, ब्रह्माण्ड में सिर्फ 5 प्रतिशत ही दृश्य पदार्थ (विसिबल मैटर) है. 22 प्रतिशत पदार्थ अदृश्य (इन्विसिबल) है जिसे डार्क मैटर कहा जाता है और 73 प्रतिशत ऐसी काल्पनिक डार्क एनर्जी है जिससे ब्रह्मांड के फैलने की रफ्तार तेज हो रही है. लेकिन ऊर्जा और पदार्थ के इन दोनों रूपों का आकलन पूरी तरह से सैद्धांतिक आधार पर किया गया है, प्रत्यक्ष रूप से इनका अवलोकन (ऑब्जर्वेशन) नहीं किया गया है और इनके बारे में हमें नहीं के बराबर ज्ञान है.

हाल ही में यूरोपीय स्पेस एजेंसी (ईएसए) ने डार्क एनर्जी और डार्क मैटर के रहस्यों को सुलझाने के लिए विशेष रूप से डिजाइन किए गए एक स्पेस टेलिस्कोप ‘यूक्लिड’ को फ्लोरिडा के केप कैनावेरल से लॉन्च किया है. यूक्लिड आकाशगंगाओं का आकार-प्रकार जानने के लिए एक विजिबल लाइट कैमरा और उनकी चमक व दूरी को मापने के लिए एक नियर-इंफ्रारेड डिटेक्टर से लैस है. हालांकि इस तरह के वैज्ञानिक उपकरणों का इस्तेमाल करने वाला यह कोई पहला स्पेस टेलिस्कोप नहीं है, लेकिन यह निश्चित रूप से अपने आप में असाधारण है क्योंकि इसके द्वारा अंतरिक्ष के एक विशाल हिस्से का निरीक्षण करने की योजना बनाई गई है.

यूक्लिड आकाश के एक तिहाई से ज्यादा भाग (लगभग 10 अरब प्रकाशवर्ष के दायरे फैले) में 1 अरब से ज्यादा आकाशगंगाओं का अवलोकन करके ब्रह्मांड का एक विस्तृत त्रिविमीय-मानचित्र (3डी-मैप) तैयार करेगा. ब्रह्मांड तेजी से फैल रहा है और वे आकाशगंगाएं भी पृथ्वी से दूर जा रही हैं, जो ब्रह्मांड की शुरुआत में बनी थीं. दूर जाने वाली आकाशगंगाओं के प्रकाश की वेवलेंथ दिखाई देने वाले प्रकाश से इंफ्रारेड प्रकाश में तब्दील हो गई हैं. ऐसे में वैज्ञानिकों को उम्मीद है कि यूक्लिड इंफ्रारेड डिटेक्टर का प्रयोग कर ब्रह्मांड की इस अनदेखी दुनिया की जानकारी जुटाने में मददगार साबित होगा.

यूक्लिड अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा के योगदान से ईएसए द्वारा निर्मित और संचालित एक पूरी तरह से यूरोपीय मिशन है. इस मिशन का नामकरण ज्यामिती (ज्योमेट्री) के जनक के रूप में प्रसिद्ध प्राचीन यूनानी गणितज्ञ यूक्लिड के नाम पर किया गया है. लगभग साढ़े छह करोड़ यूरो की लागत से तैयार यह स्पेस टेलिस्कोप रूसी रॉकेट सोयूज के जरिए 2022 में ही लॉन्च होने वाला था, लेकिन यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के कारण ईएसए को रूसी अंतरिक्ष एजेंसी रोस्कोस्मोस के साथ अपने सभी अंतरिक्ष अनुबंध समाप्त करने पड़े. इसलिए अब इसे एलन मस्क की स्पेस एजेंसी स्पेसएक्स के फाल्कन-9 रॉकेट से अंतरिक्ष में प्रक्षेपित किया गया है. 1.2 मीटर व्यास के मुख्य दर्पण वाला लगभग 2 टन वजनी यह टेलिस्कोप प्रक्षेपण वाले दिन (1 जुलाई) के ठीक 30 दिन बाद पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर लैग्रेंज प्वाइंट एल-2 में स्थापित हो जाएगा, जहां से यह अपने खगोलीय प्रेक्षणों को अंजाम देगा.

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