देश में साल 2016 में हुई नोटबंदी लोगों के जहन में अभी भी है. जिसमें 500 और 1000 रुपये के नोटों को बंद कर दिया गया था. जिसके बाद एक बार भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने 2000 को नोटों को चलन से बाहर कर दिया. लोग लगातार बैंकों में इन नोटों को जमा कर रहे हैं और बैंकों के पास भर भरकर 2000 के नोट (2000 Rupee Notes) आ रहे हैं.
RBI के गवर्नर शक्तिकांत दास ने गुरुवार को कहा कि चलन में मौजूद दो हजार रुपये के कुल नोटों में लगभग 50 प्रतिशत बैंकिंग प्रणाली में वापस आ गए हैं. गौरतलब है कि केंद्रीय बैंक ने पिछले महीने इन नोटों को वापस लेने की घोषणा की थी. उन्होंने कहा कि 31 मार्च, 2023 तक कुल 3.62 लाख करोड़ रुपये मूल्य के दो हजार रुपये के नोट चलन में थे.
बदल नहीं लोग कर रहे जमा
RBI गवर्नर ने मीडिया से कहा कि इस घोषणा के बाद अबतक 1.80 लाख करोड़ रुपये के नोट वापस आ चुके हैं. उन्होंने कहा कि दो हजार रुपये के करीब 85 प्रतिशत नोट बैंक खातों में जमा किए जा रहे हैं, जबकि बाकी नोटों को छोटे मूल्य वर्ग के नोटों से बदला जा रहा है. दास ने पिछले महीने कहा था कि 2,000 के नोटों को चलन से हटाने के फैसले का अर्थव्यवस्था पर ‘बहुत सीमित’ असर होगा. चलन में मौजूद कुल मुद्रा में 2,000 के नोट का हिस्सा सिर्फ 10.8 प्रतिशत है.
क्यों लाया गया था 2000 का नोट
शक्तिकांत दास ने बताया कि कि 2016 में नोटबंदी के बाद नकदी की कमी की भरपाई के लिए 2,000 रुपये का नोट लाया गया था. गवर्नर ने कहा था कि जिस किसी के पास 2,000 रुपये का नोट है वह उसे अपने बैंक खाते में जमा कर सकता है या किसी अन्य मूल्य की मुद्रा से बदल सकता है. बैंकों को 2,000 का नोट बदलने के लिए जरूरी व्यवस्था करने की सलाह दी गई है. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि 30 सितंबर की समयसीमा तक 2,000 के ज्यादातर नोट वापस हो जाएंगे.