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मध्य प्रदेश के विधानसभा क्षेत्रों को सरकार आगामी चार वर्ष में आदर्श बनाएगी, विधायकों से मांगा विजन पेपर

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भोपाल
मध्य प्रदेश के विधानसभा क्षेत्रों को सरकार आगामी चार वर्ष में आदर्श बनाएगी। स्कूल, बिजली, पानी, सड़क, नाली, सामुदायिक भवन, आंगनबाड़ी केंद्र समेत सभी सुविधाएं होंगी। केंद्र और राज्य सरकार की सभी योजनाओं से पात्रों को लाभांवित किया जाएगा। रोजगार के लिए मेलों का आयोजन होगा तो खेलकूद की गतिविधियों को प्रोत्साहित करने के साथ गोवंश के सरंक्षण और पर्यटन की गतिविधियों के विकास पर ध्यान दिया जाएगा। मुख्यमंत्री कार्यालय ने विधायकों से विधानसभा क्षेत्र के विकास संबंधी दृष्टि पत्र मांगा है। इसे तैयार करने के लिए प्रारूप भी भेजा गया है। योजना में प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 100 करोड़ रुपये व्यय किए जाएंगे।

विधायकों से विकास संबंधित प्रस्ताव मांगे थे
विधानसभा चुनाव से पहले सरकार ने विधायकों से 15-15 करोड़ रुपये के क्षेत्र में विकास से संबंधित प्रस्ताव मांगे थे। अधिकतर सदस्यों ने सड़क, पुल-पुलिया, सामुदायिक भवन आदि के प्रस्ताव दिए थे, जिन्हें विभिन्न योजनाओं में सम्मिलित कर काम स्वीकृत कराए गए। अब सरकार ने तय किया है कि विधानसभा क्षेत्रों को आदर्श बनाया जाएगा। इसके लिए विभिन्न योजनाओं के माध्यम से दी जाने वाली राशि के साथ विधायक, सांसद निधि और कार्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी का उपयोग किया जाएगा।

दृष्टि पत्र का प्रारूप भेजा
जो राशि और लगानी होगी, वह सरकार अपने वित्तीय संसाधनों से लगाएगी। मुख्यमंत्री कार्यालय ने सभी विधायकों को दृष्टि पत्र का प्रारूप भेजा है। इसमें बताया गया कि दृष्टि पत्र तैयार करते समय विधायक क्षेत्र की महत्वपूर्ण समस्याओं का आकलन करें। शिक्षा, स्वास्थ्य, महिला सशक्तीकरण, आंगनबाड़ी, कौशल विकास, पेयजल, पर्यावरण संरक्षण, जल संरक्षण, यातायात, गोवंश संरक्षण, पर्यटन, रोजगार की स्थिति को ध्यान में रखते हुए कार्य प्रस्तावित करें। एक जिला-एक उत्पाद योजना के माध्यम से कैसे रोजगार के अवसर सृजित किए जा सकते हैं, इस पर विचार अवश्य किया जाए। साक्षरता की दर बढ़ाने, शिशु एवं मातृ स्वास्थ्य में सुधार, कुपोषण में कमी लाने, स्वच्छ पेयजल उपलब्ध कराने के लिए भी कार्ययोजना बनाई जाएगी।

प्राथमिकता में रहेंगे हितग्राहीमूलक योजनाएं
विधानसभा क्षेत्र के लिए बनने वाली कार्ययोजना में केंद्र और राज्य सरकार की सभी हितग्राहीमूलक योजनाओं को शामिल किया जाएगा। सभी पात्र व्यक्तियों को योजनाओं का लाभ दिलाने के साथ अपात्रों को चिह्नित करने का काम भी होगा। दृष्टि पत्र के माध्यम से जो लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे वे दो और चार वर्ष की अवधि के लिए होंगे।

लक्ष्यपूर्ति के लिए जिम्मेदारी होगी तय
दृष्टि पत्र के माध्यम से विधानसभा क्षेत्र के विकास के लिए जो लक्ष्य निर्धारित किए जाएंगे, उनकी पूर्ति के लिए जिम्मेदारी भी तय होगी। प्रगति की नियमित जिला और राज्य स्तर पर समीक्षा की व्यवस्था रहेगी। योजना के लिए आवंटित धन का उपयोग पारदर्शी तरीके से किया जाएगा और लेखा-जोखा सार्वजनिक रूप से उपलब्ध भी कराया जाएगा।

ऐसा होगी राशि की व्यवस्था
सरकार प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में 100 करोड़ रुपये के काम कराने के लिए राशि की व्यवस्था अलग-अलग मदों से करेगी। इसमें 40 करोड़ रुपये की व्यवस्था विधायक निधि, सांसद निधि, जनभागीदारी, कॉर्पोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी और पुनर्घनत्वीकरण से की जाएगी। शेष 60 करोड़ रुपये सरकार अपने खजाने से देगी। प्रतिवर्ष 15-15 करोड़ रुपये दिए जाएंगे।

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