देश में इन दिनों नए वक्फ कानून को लेकर खूब बवाल मचा है. संसद से पारित इस नए कानून को लेकर विरोध प्रदर्शन की आग में जहां एक तरफ पश्चिम बंगाल के कई इलाके जल रहे हैं. तो वहीं इन कानून की संवैधानिक वैधता को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट में भी सुनवाई होने वाली है. इस बीच दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ-साथ बीजेपी के तमाम नेताओं की हालिया गतिविधि ने सबका ध्यान खींचा है. अटकलें लगाई जा रही है कि क्या देश में फिर कुछ बड़ा होने वाला है. क्या यह बैठकें किसी बड़े सियासी बदलाव की तैयारी का हिस्सा हैं?
बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के आवास पर बीती रात एक हाई-प्रोफाइल बैठक ने सियासी हलकों में हलचल मचा दी है. इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल और अश्विनी वैष्णव जैसे दिग्गज नेता शामिल हुए. बीजेपी के शीर्ष नेताओं की यह बैठक करीब ढाई घंटे तक चली.
बैठक से क्या संकेत?
सूत्रों के मुताबिक, इस बैठक में कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई. अमित शाह और राजनाथ सिंह जैसे नेताओं की मौजूदगी इस बात का संकेत देती है कि चर्चा में राष्ट्रीय सुरक्षा और रक्षा से जुड़े मुद्दे भी शामिल हो सकते हैं. वहीं, पीयूष गोयल और अश्विनी वैष्णव का होना आर्थिक और बुनियादी ढांचे से जुड़े मसलों की ओर इशारा करता है. कुछ जानकारों का कहना है कि यह बैठक मंत्रिमंडल विस्तार या फेरबदल की संभावना को भी बल दे रही है.
पीएम मोदी की राष्ट्रपति से मुलाकात
इसी बीच, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्रपति भवन पहुंचकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मुलाकात की. यह मुलाकात भी करीब एक घंटे तक चली. हालांकि, इस मुलाकात का आधिकारिक एजेंडा सामने नहीं आया है. लेकिन सियासी हलकों में इसे लेकर कई कयास लगाए जा रहे हैं.
कुछ का मानना है कि यह एक औपचारिक मुलाकात हो सकती है, लेकिन नड्डा के आवास पर चल रही बैठक के साथ इसे जोड़कर देखा जा रहा है. क्या यह मुलाकात किसी बड़े संवैधानिक या प्रशासनिक फैसले से जुड़ी है? क्या सरकार कोई बड़ा कदम उठाने की तैयारी में है? ये सवाल सोशल मीडिया और सियासी गलियारों में चर्चा का विषय बने हुए हैं.
अटकलों का बाजार गर्म
इन मुलाकातों और बैठकों को लेकर सोशल मीडिया पर भी इन घटनाओं को लेकर खूब चर्चा हो रही है. कई यूजर्स ने इसे ‘कुछ तूफानी होने’ का संकेत बताया है. एक यूजर ने लिखा, ‘मोदी जी का राष्ट्रपति से मिलना और नड्डा के घर शीर्ष नेताओं की बैठक- जरूर कुछ बड़ा होने वाला है.’
कुछ लोगों ने इसे मंत्रिमंडल विस्तार से जोड़ा, तो कुछ ने इसे हाल के सियासी घटनाक्रमों, जैसे विपक्षी नेताओं पर ED की कार्रवाई, से जोड़कर देखा. हालांकि, इन अटकलों की आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है.
इन बैठकों और मुलाकातों का असली मकसद साफ नहीं है, लेकिन इतना तय है कि बीजेपी कुछ बड़ा करने की तैयारी में है. क्या यह सियासी, प्रशासनिक या संगठनात्मक बदलाव होगा, यह आने वाले दिनों में साफ हो जाएगा. सियासी गलियारों और सोशल मीडिया पर चर्चा जोरों पर है, और सभी की नजरें अब बीजेपी के अगले कदम पर टिकी हैं.