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भारत में टेस्ला की फैक्ट्री नहीं लगने देंगे ट्रंप…..मस्क के सामने ही हिन्दुस्तान के खिलाफ उगल दिया जहर

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अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जब से कार्यभार संभाला है तब से वह भारत को टैरिफ के मुद्दे पर लगातार घेर रहे हैं. दरअसल, वह इस मामले पर पहले से ही भारत के विरोध में रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के यूएस दौरे के बाद उनके इस बर्ताव में कुछ नरमी की उम्मीद थी लेकिन ऐसा होता नहीं दिख रहा है. उन्होंने एक बार फिर टैरिफ के मुद्दे भारत की कड़े शब्दों आलोचना की है. यहां तक की उनकी बातों से लग रहा है कि वह चाहते ही नहीं कि भारत में टेस्ला अपनी फैक्ट्री लगाए.

आपको बता दें कि पीएम मोदी ने टेस्ला प्रमुख एलन मस्क से भी अमेरिका में मुलाकात की थी. इस मीटिंग के बाद टेस्ला के मैन्युफैक्चरिंग यूनिट स्थापित करने को लेकर एक फिर से चर्चाएं तेज हो गई हैं. इतना ही नहीं महाराष्ट्र समेत कई राज्य तो अब टेस्ला को अपने यहां बुलाने के लिए तरह-तरह की बिजनेस डील सामने रख रहे हैं. खबरें तो यहां तक की आ रही हैं टेस्ला ने नई दिल्ली अपने शोरूम के लिए लोकेशन भी देख ली है. इन सब शुभ समाचारों के बीच ट्रंप ने कुछ ऐसा कह दिया है जिसे सुनकर हर भारतीय का मन खट्टा हो जाएगा.

यूएस के साथ होगी नाइंसाफी
ट्रंप ने अमेरिकी टीवी प्रेजेंटर शॉन हेनेटी के साथ शो में यह बाते कही हैं. इस इंटरव्यू में एलन मस्क भी मौजूद थे. ट्रंप ने कहा- हर देश अमेरिका का फायदा उठाता है और ऐसा वे टैरिफ के जरिए करते हैं. वे इनके (मस्क) के लिए अपने देश में कार बेचना नामुमकिन बना देते हैं, भारत इसका उदाहरण है. मुझे नहीं पता ये सच है या नहीं लेकिन वहां (भारत में) इंपोर्ट ड्यूटी शायद 100 फीसदी है? उनके इस कथन पर मस्क ने हां में जवाब दिया. ट्रंप ने आगे कहा- अब अगर यह भारत में फैक्ट्री लगाते हैं तो ठीक है लेकिन यह हमारे साथ बहुत बड़ी नाइंसाफी होगी.

इलेक्ट्रिक कारों पर कितना टैरिफ
भारत इलेक्ट्रिक कारों के आयात पर 2 तरह की इंपोर्ट ड्यूटी लगाता है. जिन कारों के पार्ट्स उन्हें पूरी तरह यहां बनाया जाता है उस पर भारत 15 परसेंट का आयात शुल्क लगाता है. वहीं, जो गाड़ियां पूरी तरह से बनने के बाद भारत में लाई जाती हैं उन पर 70-100 फीसदी का टैरिफ लगता है. 70 फीसदी उन कारों पर जिनकी कीमत 40,000 डॉलर से कम है और 100 फीसदी उन कारों पर जिनकी कीमत 40,000 डॉलर से अधिक है.

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