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ईरान से भारती छात्रों को क‍िस रास्‍ते निकाला जा रहा? कब पहुंचेंगे घर, जानें लेटेस्‍ट अपडेट

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इजरायल की सेना ईरान पर लगातार आक्रामक है. राजधानी तेहरान सहित अन्‍य बड़े शहरों पर लगातार इजरायल हमले कर रहा है. इसी बीच बड़ी संख्‍या में भारतीय भी ईरान में फंस गए हैं. वो भारत सरकार से युद्धग्रस्‍त ईरान से बाहर निकालने की गुहार लगा रहे हैं. विदेश मंत्रालय भारतीयों की मदद करने के लिए सक्रिय हो गया है. ईरान में भारत के मेडिकल और इंजीनियरिंग की पढ़ाई करने वाले छात्रों की भरमार है. वो युद्ध के बीच वापस अपने घर लौटना चाहते हैं. युद्ध के बाद ईरान का एयर स्‍पेस बंद है. ऐसे में सड़क के जरिए MEA छात्रों को बॉर्डर के रास्‍तें बचाने की योजना बना रहा है.
ईरानी सरकार ने भारत सरकार को यह सुनिश्चित किया है कि सभी बॉर्डर खुले हैं. आर्मेनिया, आजरबैजान, तुर्कमेनिस्तान और अफगानिस्तान की सीमाओं के रास्‍ते भारतीय को ईरान से निकालने की योजना बनाई गई है. 100 से अधिक भारतीय छात्रों का पहला बैच आर्मेनिया की सीमा तक पहुंचेगा. जिसके बाद फ्लाइट से उन्‍हें भारत लाया जाएगा.
तैयार हो रही छात्रों की लिस्‍ट

दिल्‍ली स्थित दूतावास से उन नागरिकों के नाम, पासपोर्ट नंबर और गाड़ियों के विवरण ईरानी विदेश मंत्रालय के जनरल प्रोटोकॉल डिपार्टमेंट को भेज दिए हैं . एक रिपोर्ट के अनुसार, गर्वित 120 मेडिकल छात्र को बचाने के लिए उर्मिया विश्वविद्यालय से बस रवाना हुई, लेकिन विश्वविद्यालय प्रशासन की बाधाओं से बने ब्यूरोक्रेटिक अड़चनों के चलते बस अभी अपनी जगह अटकी हुई है .

क्‍या है विदेश मंत्रालय का प्लान?
विदेश मंत्रालय (MEA) और भारतीय दूतावास इस पूरे ऑपरेशन की निगरानी कर रहे हैं. उनका कहना है कि यात्रियों की पहचान और संख्या सुरक्षित तरीके से तय की जा रही है. सुरक्षित स्थानों पर उनकी रिलोकेशन की प्रक्रिया के तहत कुछ भारतीयों को पहले ही राजधानी तेहरान से अन्य शहरों में ले जाया जा चुका है. उनके सुरक्षित निकास के लिए भूमि मार्ग का इस्तेमाल किया जाएगा. विदेश मंत्रालय ने परामर्श जारी किया है. सभी भारतीय निवासी अंदर ही रहें, एम्बेसडर हेल्पलाइन नंबर का प्रयोग करें .

कब तक भारत पहुंचेंगे छात्र?
पहली खेप ईरान के उर्मिया विश्वविद्यालय की बस अगर रिलीज हो गई तो जल्द ही अर्मेनिया के नॉर्डुज़ बॉर्डर तक जाएगी, वहां पहुंचे व्यक्तियों को हवाई मार्ग से भारत भेजा जाएगा. अनुमान है कि सीमा पार, कागजी कार्रवाई और हवाई कनेक्टिविटी को मिलाकर पूरी प्रक्रिया में कुछ दिन लग सकते हैं. अभी तक 500 से 1,500 तक भारतीयों के जल्द निकास की उम्मीद जताई जा रही है, जिनमें ज्‍यादातर छात्र हैं जो तेजी से लौटना चाहते हैं.