इजरायल और हमास के बीच चल रहे सीजफायर पर संकट मंडराने लगा है. हमास ने शनिवार को होने वाली बंधकों की रिहाई को आगे की सूचना तक स्थगित करने की धमकी दी है. हमास का आरोप है कि इजरायल ने सीजफायर से जुड़ा समझौता तोड़ा. बंधकों की रिहाई न करने के ऐलान से अब इजरायल भड़क गया है. इजरायल ने हमास के इस कदम को ‘सीजफायर का पूर्ण उल्लंघन’ बताया और अपनी सेना को गाजा के किसी भी तरह के हालातों को लेकर तैयार रहने को कहा है. अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप भी इससे भड़क गए हैं. हमास के सशस्त्र विंग कासाम ब्रिगेड के प्रवक्ता अबू ओबैदा ने एक पोस्ट में लिखा कि शनिवार कोहोने वाली बंधकों की रिहाई को अगली सूचना तक टाला जा रहा है. उन्होंने कहा, ‘हम शर्तों का पालन करने के लिए प्रतिबद्ध हैं, जब तक कि इजरायल उनका पालन कर रहा है.’
हालांकि बाद में हमास ने कहा कि रिहाई प्लान के मुताबिक हो सकती है. उसने कहा कि यह कदम इजरायल के लिए एक चेतावनी की तरह है और उसका उद्देश्य इजरायल पर दबाव डालना था, ताकि वह सीजफायर समझौते का पूरी तरह सम्मान करे. CNN की रिपोर्ट के मुताबिक हमास ने बयान में कहा, ‘कैदी को सौंपने के निर्धारित समय से पूरे पांच दिन पहले हम यह बयान जारी कर रहे हैं. हमास का लक्ष्य है कि मध्यस्थों को अपना दायित्व पूरा करने और इजरायल पर दबाव डालने का पर्याप्त समय मिल सके. यह इस बात का विकल्प देता है कि बंधकों की रिहाई पहले की तरह ही हो. बशर्ते इजरायल सीजफायर की शर्तों का पालन करे.’
क्यों भड़का है हमास?
अबू ओवैदा ने पिछले तीन सप्ताह में इजरायल की ओर से समझौते के कथित उल्लंघन की जानकारी दी. इसमें उत्तरी गाजा पट्टी में विस्थापितों की वापसी में देरी, कई जगहों पर गोलाबारी और फायरिंग और सहमति के मुताबिक सभी तरह की राहत सामग्री की एंट्री की इजाजत न देना शामिल है. हमास का आरोप है कि इजरायल ने गाजा पट्टी में तंबू, बने-बनाए घर, ईंधन या मलबा हटाने वाली मशीनों की इजाजत नहीं दी है. इसके अलावा हमास का आरोप है कि इजरायल आवश्यक दवाओं और मेडिकल आपूर्ति में देरी कर रहा है. रिपोर्ट्स के मुताबिक कथित तौर पर यूएन, कतर और अन्य देशों ने गाजा को अस्थायी शेल्टर देने का अनुरोध किया था, जिसे इजरायल ने ठुकरा दिया.