रायपुर, 20 नवम्बर 2024। एंटी करप्शन ब्यूरो ने राजधानी रायपुर में बड़ी कार्रवाई की है। एसीबी ने दो कार्रवाई में ज्वाइंट डायरेक्टर, आरआई और पटवारी को गिरफ्तार किया है। रायपुर के इंद्रावती भवन में जहां 2 लाख रुपये घूस लेते ज्वाइंट डायरेक्टर को गिरफ्तार किया है। वहीं कोरबा में आरआई और पटवारी को पकड़ा है। रायपुर के इंद्रावती भवन में गिरफ्तार संयुक्त संचालक का नाम देव कुमार सिंह है। एसीबी ने संयुक्त संचालक मछली पालन को इंद्रावती भवन में दफ्तर से गिरफ्तार किया है।
जानकारी के मुताबिक आरोपी अधिकारी 1 लाख रुपये रिश्वत ले रहा था। उसी दौरान एसीबी की टीम ने उन्हें रंगे हाथों पकड़ा है। ज्वाइंट डायरेक्टर देव कुमार सिन्हा को पैसे लेते एंटी करप्शन ब्यूरो ने इंद्रावती भवन के चौथे मंजिल से गिरफ्तार किया है। कार्रवाई के दौरान एसीबी की टीम में करीब 15 अधिकारी थे।
ज्वाइंट डायरेक्टर ने जांजगीर के सब-इंजीनियर से विभागीय जांच के एवज में रिश्वत मांगी थी। अधिकारी ने दो लाख रूपए रिश्वत की मांग की थी। एक लाख रुपये की पहली किश्त एडवांस में देनी थी, जिसके बाद आज अग्रिम 1 लाख रुपये लेते हुए अधिकारी को गिरफ्तार किया गया। कार्रवाई के बाद मंत्रालय में हड़कंप मच गया।वहीं कोरबा में आरआई राठौर गिरफ्तार किया गया है। दो अलग-अलग कार्रवाई में दो अधिकारी गिरफ्तार किये गये हैं।
आरआई और पटवारी भी गिरफ्तार
कोरबा में घूस लेते आरआई और पटवारी को गिरफ्तार किया गया है। जानकारी के मुताबिक संजय दिवाकर, वर्तमान निवासी बाकीमोगरा, जिला-कोरबा द्वारा एन्टी करप्शन ब्यूरो, बिलासपुर में शिकायत की गई थी कि उसके द्वारा ग्राम जमनीपाली में भूमि खरीदने के लिये भूमिस्वामी शत्रुघन राव से सौदा तय हुआ। जिसकी रजिस्ट्री पूर्व सीमांकन हेतु उसके द्वारा आवेदन किया गया है। अगली कार्यवाही हेतु प्रार्थी द्वारा राजस्व निरीक्षक जमनीपाली अश्वनी राठौर से मुलाकात करने पर उसके द्वारा संपूर्ण कार्यवाही हेतु 15,000 रु रिश्वत की मांग की गई तथा पटवारी जमनीपाली धीरेन्द्र लाटा को पैसे देकर सीमांकन की अगली कार्यवाही करने के लिये कहा गया।
शिकायत सत्यापन दौरान पटवारी धीरेन्द्र लाटा द्वारा मोलभाव कर 13,000 रु. में सौदा तय कर प्रार्थी से 5,000 रू. ले लिये गये। सत्यापन पश्चात् आज दिनाक 20.11.2024 को ट्रेप आयोजित कर आरोपी पटवारी धीरेन्द्र लाटा एवं राजस्व निरीक्षक अश्वनी राठौर को रिश्वती रकम की अगली किश्त 8,000 रू. लेते रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोपियों को अभिरक्षा में लेकर उनके निवास स्थानों की तलाशी भी ली जा रही है। प्रकरण में आरोपियों के विरुद्ध धारा 7 एवं 12 पीसीएक्ट 1988 के प्रावधानों के तहत् अग्रिम कार्यवाही की जा रही है।