देशभर में पिछले 56 सालों में 14 हजार 800 नक्सलियों की मौत हुई है। इनमें नक्सलियों के 41 टॉप लीडर्स भी शामिल हैं। साथ ही 1169 महिला माओवादियों ने भी जान गंवाई हैं। हालांकि, पिछले सिर्फ 18 सालों में ही 4,576 माओवादी मारे गए हैं। इनमें 856 महिला माओवादी भी हैं। इन 14 हजार 8 सौ नक्सलियों में अधिकतर की पुलिस के साथ मुठभेड़ में तो कई ने बीमारी के चलते दम तोड़ा है। नक्सलियों की केंद्रीय कमेटी ने साल 1967 से लेकर 2023 तक का मृत नक्सलियों का आंकड़ा पहली बार जारी किया है।
28 जुलाई से 3 अगस्त तक नक्सली शहीदी सप्ताह मना रहे हैं। इससे ठीक 2 दिन पहले माओवादियों के केंद्रीय कमेटी के प्रवक्ता अभय ने प्रेस नोट जारी किया है। अभय ने कहा कि, 1967 के नक्सलबाड़ी से लेकर आज 2023 तक चारु मजूमदार समेत कई नेताओं ने अपनी जान दी है। उनकी जीवनी को हिंदी, इंग्लिश और तेलगु भाषा में प्रकाशित किया जा रहा है। अभय ने कहा कि, नक्सलबाड़ी सशस्त्र कृषि क्रांतिकारी संघर्ष ने भारतीय समाज के हर एक वर्ग को प्रभावित किया है।
बस्तर में फोर्स अलर्ट
28 जुलाई से शुरू होने वाले नक्सलियों के शहीदी सप्ताह को देखते हुए बस्तर में पुलिस फोर्स भी अलर्ट है। अलग-अलग जिलों में जवानों को ऑपरेशन के लिए निकाला जा रहा है। 1 दिन पहले बीजापुर जिले में जवानों ने एक पुरुष माओवादी को ढेर किया था। जिसका शव भी बरामद कर लिया था। मौके से भारी मात्रा में हथियार भी बरामद किए गए थे। इसके साथ ही अब तक नक्सलियों के दर्जनभर से अधिक कैंपों को भी जवानों ने ध्वस्त किया है। पुलिस अफसरों ने बताया कि अंदरूनी इलाकों में सर्चिंग बढ़ाई गई है।
नारायणपुर में लगाए बैनर
नक्सलियों की पूर्व बस्तर डिवीजन कमेटी ने छोटेडोंगर थाना से 4 किलोमीटर दूर गौरवदंड और सहापाल के बीच सड़क किनारे बैनर बांधा है। बैनर के माध्यम से नक्सलियों ने गांवों में शहीदी सप्ताह मनाने की बात लिखी है। इसकी सूचना मिलते ही छोटेडोंगर थाना के जवान मौके पर पहुंचे और उन्होंने बैनर को बरामद कर लिया। इधर, 2-3 दिन पहले नक्सलियों ने दंतेवाड़ा के भांसी रेलवे स्टेशन में भी बैनर बांधा था।