विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन अनियमित और संविदा कर्मियों के आंदोलन के मुद्दे पर जमकर हंगामा हो गया। भाजपा विधायकों ने जमकर नारेबाजी की। साथ ही स्थगन प्रस्ताव लाने की सूचना दी। इस दौरान सत्ता पक्ष के विधायकों ने भूपेश है तो भरोसा है के नारे लगाए। जिसके बाद सदन की कार्यवाही को 5 मिनट के लिए स्थगित कर दिया गया था।
बाद में कार्यवाही शुरू हुई, तब बीजेपी विधायक अजय चंद्राकर ने कहा- प्रदेश के सारे आंदोलनरत संगठनों ने मुख्यमंत्री की घोषणा को नकार दिया है। 4 लाख कर्मचारी आंदोलन में हैं। सभी वर्गों के भीतर असंतोष है। पूर्व नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा-सरकार की कथनी और करनी में अंतर है।
कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित
वहीं, अविश्वास प्रस्ताव पर आज चर्चा नहीं हो सकी। बीजेपी का आरोप पत्र देर से मिलने का विधि मंत्री ने हवाला दिया। उधर, चर्चा के बाद छत्तीसगढ़ विधानमंडल सदस्य निरर्हता निवारण संशोधन विधेयक पारित कर दिया। इसके बाद सदन की कार्यवाही को शुक्रवार तक के लिए स्थगित कर दी गई है।
विधानसभा के बड़े अपडेट्स
1-विधेयक पर चर्चा के दौरान बीजेपी विधायक शिवरतन शर्मा और अजय चंद्राकर कहा- डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम में जरा भी स्वाभिमान है, तो उन्हें योजना आयोग अध्यक्ष पद स्वीकार नहीं करना चाहिए। क्योंकि उनके लिए संशोधन विधेयक लाया गया, क्या ऐसी स्थिति में भी इस पद को टेकाम स्वीकार करेंगे। मुझे लगता है टेकाम की बलि ले ली गई। टीएस सिंहदेव के एक मात्र समर्थक की शहादत हो गई है।
2-विधायक धर्मजीत सिंह ने कहा- वो आदमी जो 45 साल पहले मंत्री थे और जिस बेरहमी से उनको निकला गया, लॉलीपॉप खिलाना था तो इत्मीनान से खिलाते। प्रेमसाय सिंह के चेहरे से नूर छीन लिए हैं। रात में आप से इस्तीफा लिया गया और आप सुबह अपने क्षेत्र के लिए निकल गए थे।
3- विधायक धर्मजीत सिंह की टिप्पणी पर सत्तापक्ष के आदिवासी विधायक भड़क गए। धर्मजीत सिंह पर सत्ता पक्ष के विधायक बृहस्पत सिंह की ओर से जातिगत रूप टिप्पणी करने का आरोप लगाया गया।
4-इस पर धर्मजीत सिंह ने कहा कि- मैंने किसी जाति को लेकर कोई बात नहीं कही। मैंने सिर्फ नग्न प्रदर्शन की बात कही है। रिकॉर्ड चेक करा लिया जाये। जातिगत टिप्पणी की होगी तो मैं विधायकी से इस्तीफा दे दूंगा।