कर्नाटक. टमाटर अब नया सोना बन चुका है, इस साधारण मगर जरूरी सब्ज़ी की कीमतें कर्नाटक में इतनी बढ़ गई हैं कि लोगों को अपना दैनिक मेनू बदलने के लिए मजबूर होना पड़ा है. लोगों के खाने से टमाटर इस तरह गायब हो चुका है कि टमाटर रसम अब सिर्फ सादा रसम बन गया है और टमाटर भाथ – जोकि एक बहुत ही प्रचलित चावल का व्यंजन है वह कई रेस्तरां के मेनू से गायब हो गया है.
इसकी मांग और कीमतें कभी-कभी इतनी अधिक होती है कि लोगों को यह विलासिता की वस्तु नजर आने लगती है जबकि कभी-कभी कीमतें इतनी बुरी तरह गिर जाती हैं कि टमाटर उगाने वाले किसान टमाटरों से भरे ट्रक सड़कों पर फेंकते नजर आते हैं.
बता दें कि बाजार में 10.23% हिस्सेदारी के साथ कर्नाटक पूरे देश में टमाटर का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है (स्रोत: एपीडा). जो किसान अब टमाटर की फसल काट रहे हैं, उनकी तो लॉटरी लग गई है, चाहे कीमतें कितनी भी अधिक क्यों न हों, खाना पकाने में थोड़ा सा टमाटर डालना एक सामान्य परिवार के लिए बहुत आवश्यक है. इसलिए अपनी खरीदने की क्षमता के अनुसार लोग इस महंगी सब्जी को खरीद रहे हैं.
आज की तारीख में कर्नाटक में टमाटर की कीमत 130 से 160 रुपये प्रति किलो के बीच है. कुछ ऐसी भी दुकानें हैं जो मांग और उपलब्धता के आधार पर इससे भी अधिक दाम पर सामान बेच रही हैं, जाहिर सी बात है जब कीमतें ऐसी होंगी तो चोरी की संभावना बहुत ज्यादा होगी. इसीलिए हावेरी के अक्की अलुरु में एक किसान ने अपने टमाटरों के ढेर के को चोरी से बचाने के लिए लिए एक बढ़िया व्यवस्था की है.