अर्थव्यवस्था के मोर्चे पर अच्छी खबर आई है. जून में जीएसटी संग्रह 12 प्रतिशत बढ़कर 1.61 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है. वित्त मंत्रालय ने शनिवार इसकी जानकारी दी. खास बात है कि 6 साल पहले 1 जुलाई, 2017 को जीएसटी कर व्यवस्था लागू होने के बाद से सकल कर संग्रह चौथी बार 1.60 लाख करोड़ रुपये से ज्यादा रहा है.
वित्त मंत्रालय ने कहा कि 2021-22, 2022-23 और 2023-24 की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) के लिए औसत मासिक सकल जीएसटी संग्रह क्रमशः 1.10 लाख करोड़ रुपये, 1.51 लाख करोड़ रुपये और 1.69 लाख करोड़ रुपये है.
पिछले साल की तुलना में 12 फीसदी ज्यादा
बयान में कहा गया कि जून 2023 में सकल जीएसटी राजस्व संग्रह 1,61,497 करोड़ रुपये है. इसमें केंद्रीय जीएसटी 31,013 करोड़ रुपये, राज्य जीएसटी 38,292 करोड़ रुपये, एकीकृत जीएसटी 80,292 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 39,035 करोड़ रुपये सहित) है. इसके अलावा उपकर 11,900 करोड़ रुपये (माल के आयात पर एकत्र 1,028 करोड़ रुपये सहित) है. राजस्व संग्रह जून 2023 में पिछले साल के इसी महीने के मुकाबले 12 प्रतिशत अधिक है.
समीक्षाधीन महीने के दौरान घरेलू लेनदेन (सेवाओं के आयात सहित) से राजस्व सालाना आधार पर 18 प्रतिशत अधिक रहा. इससे पहले अप्रैल में जीएसटी राजस्व संग्रह 1.87 लाख करोड़ रुपये के रिकॉर्ड उच्च स्तर पर पहुंच गया था. मई में यह 1.57 लाख करोड़ रुपये था.
सरकारी बैंकों का मुनाफा 9 साल में 3 गुना बढ़ा
वहीं, नई दिल्ली में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को कहा कि सरकार की नीतियों के कारण सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) का मुनाफा 2022-23 में बढ़कर 1.04 लाख करोड़ रुपये हो गया, जो 2014 के 36,270 करोड़ रुपये की तुलना में 3 गुना है. पंजाब एंड सिंध बैंक के कॉरपोरेट कार्यालय का उद्घाटन करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि बैंकों को सर्वोत्तम कॉर्पोरेट प्रशासन सिद्धांतों का पालन करके ‘उपलब्धियों को आगे बढ़ाने’ की जरूरत है.