मप्र के मुख्यमंत्री मोहन यादव के पिता की 100 वर्ष की आयु में निधन
भोपाल। मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के पिता पूनमचंद यादव का उज्जैन के एक निजी अस्पताल में लम्बी बिमारी के बाद 100 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। वे काफी सक्रिय रहकर समाज सेवा करने वाले व्यक्ति के रूप में जाने जाते रहे हैं। उनका 100 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है। पूनमचंद यादव अपने पीछे भरा पूरा परिवार छोड़ गए हैं। मुख्यमंत्री के पिता ने अपने जीवन के संघर्ष की शुरुआत मिल में काम करते हुए की थी।
उन्होंने अपने चारों बच्चों की शिक्षा और परवरिश में कोई कमी नहीं छोड़ी। पुत्र के मुख्यमंत्री बनने के बावजूद अपने पुराने तरीके से ही जीवन को जीते रहे। उनकी अंतिम यात्रा में शामिल होने के लिए बड़ी संख्या में राजनेता अधिकारी और परिवार से जुड़े लोग उज्जैन पहुंच रहे हैं। मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव भी उज्जैन के लिए रवाना हो गए हैं।
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव के पिता पूनम चंद यादव साइकिल के भी शौकीन थे. वह पुत्र के मुख्यमंत्री बनने के बाद भी साइकिल पर ही उज्जैन शहर भर में भ्रमण करते रहते थे. वह कुछ हफ्ते पहले ही साइकिल से घूमते हुए दिखाई दिए. पुत्र के मुख्यमंत्री बनने के बाद जब लोगों ने उन्हें बधाई दी और कहा कि डॉक्टर मोहन यादव सीएम बन गए हैं तब उन्होंने मजाकिया लहजे में कई लोगों से कहा, ”मोहन तो कुछ ना कुछ बनते ही रहता है”.
मुख्यमंत्री बेटे को भी घर से निकलते समय देते थे रुपये
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जब भी अपने घर पर पिता से मिलते थे तो काफी लंबी बातें करते थे घर से बाहर जाते समय आज भी उनके पिता उनके हाथ में शगुन के कुछ रुपये रख देते थे। पिता पूनम चंद यादव अपने संयुक्त परिवार के बीच रहते थे और अपने परिवार के सभी सदस्यों को घर से बाहर जाते समय कुछ ना कुछ राशि जरूर हाथ में रखते थे। वह अपनी एकमात्र पुत्री कलावती यादव से भी बहुत प्रेम रखते थे। कलावती यादव उज्जैन नगर निगम की सभापति हैं।