नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार यह तय हो गया है कि इस साल भी यानी 2023-24 में बीए, बीकॉम, बीसीए और बीएससी के डेढ़ लाख से ज्यादा छात्र पुराने पैटर्न में ही पढ़ाई करेंगे। यानी सालभर पढ़ाई के बाद एक बार ही वार्षिक परीक्षा होगी। पिछले साल यह माना जा रहा था कि ऑटोनोमस कॉलेजों की तरह बाकी कॉलेजों में भी सेमेस्टर सिस्टम लागू हो सकता है। लेकिन अब यह फाइनल हो गया है कि इस साल भी पुराने सिस्टम से ही पढ़ाई और परीक्षाएं होगी।
कोरोना की वजह से पिछले तीन साल तक रविवि की परीक्षाएं ऑनलाइन हुई थी। इसका असर इस साल नतीजों पर भी हो रहा है। बीकॉम के नतीजे पिछले तीन साल के नतीजों की तुलना में बेहद कमजोर रहे। एक बड़ी वजह इसे भी मानकर कॉलेजों में सेमेस्टर सिस्टम लागू नहीं किया जा रहा है।
राजधानी में पिछले साल साइंस, छत्तीसगढ़ और डिग्री गर्ल्स कॉलेज में सेमेस्टर सिस्टम लागू किया गया था। बताया जा रहा है कि इन कॉलेजों में नतीजे बेहतर नहीं आए हैं। इस वजह से उच्च शिक्षा विभाग बाकी कॉलेजों में सेमेस्टर सिस्टम लागू करने से बच रहा है। शहर का कॉलेजों को अभी तक इस संबंध में कोई सूचना नहीं मिली है।
इसलिए भी यह तय माना जा रहा है कि बाकी कॉलेजों में सेमेस्टर सिस्टम लागू नहीं होगा। दसवीं-बारहवीं बोर्ड परीक्षा के बाद अब कॉलेजों में एडमिशन शुरू होने वाले हैं। इसके लिए छात्रों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा। कॉलेजों में नया सत्र 16 जून से शुरू होगा। उच्च शिक्षा विभाग जल्द ही शैक्षणिक कैलेंडर भी जारी करने वाला है। इस कैलेंडर के अनुसार ही प्रवेश और परीक्षाएं होंगी।
रविवि अध्ययनशाला में भी तीन साल की पढ़ाई
पं. रविशंकर शुक्ल विश्वविद्यालय से संबंधित कॉलेजों में पुराना पैटर्न लागू होने के साथ ही रविवि अध्ययनशाला में भी तीन वर्षीय पाठ्यक्रम ही लागू होगा। विवि में करीब 34 विषयों की पढ़ाई कराई जाती है। इनमें अच्छी-खासी सीटें हैं। छात्र बड़ी संख्या में यह प्रवेश भी लेते हैं। विवि में एडमिशन संबंधित पूछताछ के लिए आने वाले छात्रों को भी इस बात की जानकारी दी जा रही है कि विवि में प्रवेश लेने पर उन्हें साल में एक ही बार वार्षिक परीक्षा देनी होगी। यानी तीन साल के ग्रेजुएशन के लिए तीन बार ही परीक्षा होगी। विवि अध्ययनशाला में भी प्रवेश के लिए अगले महीने से आवेदन मिलने शुरू हो जाएंगे।
रविवि के रुके नतीजे जारी होंगे अगले माह
पं. रविशंकर शुक्ल विवि से अभी तक बीकॉम और बीसीए के नतीजे जारी हो चुके हैं, लेकिन बीए, बीएससी समेत बाकी ग्रेजुएशन परीक्षाओं के नतीजे अगले महीने जारी होंगे। इन सभी विषयों की परीक्षा पहले ही हो गई है। नतीजे जारी करने के लिए विवि में इसकी तैयारी पूरी हो गई है। माना जा रहा है कि बाकी परीक्षाओं की तरह ही इन परीक्षाओं के नतीजे भी पिछले तीन साल की तुलना में खराब ही आएंगे। कोरोना के दौरान घर से आंसरशीट लिखने की वजह 98% तक छात्र पास हो गए थे। इस साल यह आंकड़ा 50 फीसदी में ही सिमटकर रह जा रहा है। लिखने की प्रैक्टिस छूटने और घर से पेपर लिखने की आदत की वजह से फेल वाले छात्रों की संख्या बढ़ रही है।