प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को हुई नीति आयोग की गवर्निंग काउंसिल की बैठक में गैर-भाजपा शासित 10 राज्यों के मुख्यमंत्री शामिल नहीं हुए। वहीं, कांग्रेस शासित छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेश बघेल और हिमाचल के सीएम सुखविंदर सिंह सुक्खू ने बैठक में हिस्सा लिया। इस दौरान सीएम भूपेश ने जीएसटी से राज्यों को हुए राजस्व यानी कमाई के नुकसान का मुद्दा उठाया और कहा कि राज्य लगातार हानि झेल रहे हैं। इसकी भरपाई जरूरी है और इसके लिए स्थायी इंतजाम किए जाने चाहिए। सीएम भूपेश ने केंद्रीय करों में छत्तीसगढ़ के हिस्से के 2659 करोड़ जल्दी मांगे। उन्होंने कोयला एवं अन्य प्रमुख खनिजों की रॉयल्टी दरों में संशोधन का भी अनुरोध किया।
सीएम ने इस्पात संयंत्रों की उत्पादन क्षमता के अनुरूप लौह अयस्क आरक्षित रखने की मांग की। साथ ही राज्यहित से जुड़ी विभिन्न योजनाओं और विषयों पर भी अपनी बात रखी। उन्होंने कहा कि बैठक का एजेंडा 2047 का विकसित भारत और टीम इंडिया है, और देश की एकता-अखंडता को अक्षुण्ण बनाए रखने में राज्यों की अहम भूमिका है। ऐसे में केंद्र सरकार को राज्यों के अधिकारों का सम्मान करना चाहिए। वह राज्यों के हिस्से के संसाधनों को हस्तांतरित करने की प्रणाली को और मजबूत बनाए। सीएम भूपेश ने एमएसएमई पर ज़ोर देते हुए कहा कि राज्य में ग्रामीण एवं कुटीर क्षेत्रों में उद्यमिता को बढ़ावा देने तथा संसाधनों का स्थानीय स्तर पर उपयोग किए जाने के उद्देश्य से ही ग्रामीण एवं कुटीर औद्योगिक नीति 2023-24 की घोषणा की गई थी।
केंद्र की योजनाओं में राज्यों का हिस्सा 25% मांगा
{20 हजार से कम आबादी के शहरों में मनरेगा लागू किया जाए। {रायपुर से अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा के लिए नोडल अफसर बनाएं। {10 आकांक्षी जिलों में सोलर पावर प्लांट की स्थापना की जाए। {5 मेगावाट तक के सोलर प्लांट को फाॅरेस्ट डाइवर्जन से छूट दी जाए।