Home राष्ट्रीय केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड के अधिकारों पर एक विधेयक लाने की अपनी...

केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड के अधिकारों पर एक विधेयक लाने की अपनी तैयारी लगभग पूरी कर ली, महिलाओं को संपत्ति का अधिकार

30
नई दिल्ली
केंद्र सरकार वक्फ बोर्ड के अधिकारों पर एक विधेयक लाने की अपनी तैयारी लगभग पूरी कर ली है। इसके माध्यम से केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस के माध्यम से वक्फ संपत्ति का रजिस्ट्रेशन अनिवार्य कर दिया जाएगा। इसके अलावा, बोहराओं के अधिकारों की रक्षा और महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए वक्फ विधेयक में व्यवस्था की जाएगी। भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार वक्फ अधिनियम 1995 में संशोधन करने के लिए संसद में किसी भी दिन बिल पेश कर सकती है।
मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, इसका उद्देश्य वक्फ बोर्ड की शक्तियों को सीमित करना है। आपको बता दें कि रेलवे और रक्षा विभाग की सरकारी संपत्तियों के बाद वक्फ बोर्ड के पास सबसे अधिक संपत्ति है। हालांकि इन जमीनों का मूल्य और इससे मिलने वाले राजस्व मेल नहीं खाते हैं। सरकारी सूत्रों ने कहा है कि करोड़ों की कीमत वाली संपत्तियों से सालाना सिर्फ 200 करोड़ रुपये के राजस्व सरकार को मिलते हैं।
सच्चर समिति ने अपनी सिफारिशों में राजस्व के साथ-साथ संपत्तियों का मानचित्रण करने की आवश्यकता के बारे में भी बात की है। आइए जानते हैं क्या-क्या सिफारिश की गई है।
नए कानून में वक्फ अधिनियम, 1995 का नाम बदलकर एकीकृत वक्फ प्रबंधन, सशक्तीकरण, दक्षता और विकास अधिनियम 1995 करने का प्रस्ताव है।
वक्फ शब्द को कम से कम पांच वर्षों से इस्लाम का पालन करने वाले और ऐसी संपत्ति के स्वामित्व वाले व्यक्ति द्वारा स्पष्ट रूप से परिभाषित किया जाएगा।
वक्फ संपत्ति उत्तराधिकार में महिलाओं को भी ऐसी संपत्तियों का उत्तराधिकारी बनाने की बात कही जा रही है।
वक्फ संपत्तियों के सर्वेक्षण के लिए कलेक्टर के सर्वेक्षण आयुक्त या डिप्टी कलेक्टर के पद से नीचे का कोई अन्य अधिकारी कलेक्टर द्वारा विधिवत त किया जाएगा।
केंद्रीय वक्फ परिषद और राज्य वक्फ बोर्ड मुस्लिम महिलाओं और गैर-मुस्लिमों का प्रतिनिधित्व सुनिश्चित करेंगे। बोहरा और अघाखानियों के लिए एक अलग औकाफ बोर्ड की स्थापना की जाएगी।
बोर्ड में मुस्लिम समुदायों में शिया, सुन्नी, बोहरा, अघाखानी और अन्य पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व होगा।
वक्फ संपत्ति का पंजीकरण एक केंद्रीय पोर्टल और डेटाबेस के माध्यम से होना चाहिए।
नए विधेयक में प्रावधान है कि बोर्ड अब यह तय करने का एकमात्र प्राधिकारी नहीं होगा कि कोई संपत्ति वास्तव में वक्फ संपत्ति है या नहीं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here