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केंद्रीय बजट: पिछले वित्त वर्ष की तुलना में शिक्षा क्षेत्र में 32 प्रतिशत की वृद्धि

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नई दिल्ली
 केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शिक्षा के लिए 1.48 लाख करोड़ रुपए का बजट पेश किया, जो पिछले बजट की तुलना 32 प्रतिशत ज्यादा है।श्रीमती सीतारमण ने अपने बजट भाषण में नौकरियों और कौशल प्रशिक्षण से संबंधित पांच योजनाओं का एलान किया। उन्होंने कहा कि सरकार पहली बार रोजगार के तहत एक लाख रुपये से कम वेतन होने पर कर्मंचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) में पहली बार पंजीकरण करने वाले लोगों को 15 हजार रुपए की मदद देगी, जो तीन किश्तों में मिलेगी। ये किश्‍तें सीधे बैंक में स्थानांतरण(डीबीआई) के जरिए सीधे बैंक खातों में भेजी जाएगी। इस योजना से 210 लाख युवओं को मदद दी जाएगी।
वित्त मंत्री ने कहा कि विनिर्माण क्षेत्र में पहली बार रोजगार देने वालों को ईपीएफओ जमा करने के आधार पर पहले चार साल तक प्रोत्साहन राशि मिलेगी, जिससे 30 लाख युवाओं को फायदा मिलेगा। वहीं नियोक्ता को सहायता के लिए सरकार रोजगार देने वालों का बोझ घटाने का काम करेगी। इसके तहत नए कर्मचारियों के ईपीएफओ योगदान पर रोजगार देने वालों को दो साल तक हर महीने तीन हजार रुपए का अदायगी करेगी।

उन्होंने कहरा कि नौकरियों में महिलाओं की हिस्‍सेदारी बढ़ाने के लिए कामकाजी महिला छात्रावास, शिशुगृह, महिला कौशल कार्यक्रम शुरू किए जाएंगे।
श्रीमती सीतारमण ने कहा कि कौशल विकास योजना के तहत एक करोड़ युवाओं को पांच साल में रोजगार के लिए कुशल बनाया जाएगा। वहीं, एक हजार औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान अपग्रेड किए जाएंगे और हर साल 25 हजार विद्यार्थियों को कौशल ऋण का दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि सरकार 500 शीर्ष कंपनियों में एक करोड़ युवाओं को इंटर्नशिप देगी। इंटर्नशिप के दौरान पांच हजार रुपए हर महीने का स्‍टाइपेंड मिलेगा।

उन्होंने कहा कि जिन विद्यार्थियों को सरकारी योजनाओं के तहत कोई फायदा नहीं मिल रहा है, उन्हें देशभर के संस्थानों में दाखिले के लिए ऋण दिया जाएगा। ऋण का तीन प्रतिशत तक पैसा सरकार देगी। इसके लिए ई-वाउचर्स लाए जाएंगे, जो हर साल एक लाख विद्यार्थियों को मिलेंगे।
केंद्रीय वित्त मंत्री ने अपने बजट भाषण में बताया कि जारी वित्‍त वर्ष में कौशल भारत योजना के तहत 1.4 करोड़ युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है। उन्होंने बताया कि 2014 से 2024 तक सात नए भारतीय प्रद्यौगिकी संस्थान (आईआईटी) और सात नए भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईए) खोले गए हैं। उन्होंने बताया कि देश में तीन हजार नए औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान (आईटीआई) खोले गए हैं। वहीं 16 भारतीय सूचना प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईआईटी और 390 विश्वविद्यालय खुले हैं। उन्होंने बताया कि पिछले 10 साल में उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 28 प्रतिशत उपस्थिति पंजी बढ़ी हैं।

 

प्राकृतिक खेती को बढ़ाया जायेगा : सीतारमण

 देश में प्राकृतिक खेती को बढ़ाया जाएगा और दो साल में एक करोड़ किसानों को इसमें शामिल कर उन्हें प्रमाण पत्र दिया जाएगा। इसके साथ ही खेती को बढावा देने के लिए 10 हजार बायो इनपुट सेंटर बनाए जाएंगे।श्रीमती सीतारमण ने कहा कि देश की अर्थव्यवस्था ‘शाईनिंग’ है और इसे निरंतर बनाए रखने के लिए बजट में विशेष प्रावधान किये गये हैं इसलिए कृषि तथा इससे संबद्ध क्षेत्र के लिए 1.52 लाख करोड़ रुपए का प्रावधान किया गया है। उन्होंने कहा कि गरीब, महिला और अन्नदाता को बजट में विशेष अहमियत दी गई है, महिलाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के लिए बेरोजगारी तथा स्किलिंग पर विशेष जोर दिया गया है। शिक्षा के लिए 1.84 लाख करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है ताकि शिक्षा के विकास तथा रोजगार के अवसरों को तेजी से बढाया जा सके।

वित्त मंत्री ने कहा, खरीफ फसलों के लिए देश के 400 जिलों में डिजिटल क्रॉप सर्वे किया जाएगा जिसमें छह करोड़ किसानों की खेती और उनकी जानकारी ‘किसान और खेती रजिस्ट्रेशन’ में शामिल की जाएगी।

उन्होंने कहा कि प्राकृतिक खेती पर जोर दिया गया है और इसके लिए गांव में बायो रिसोर्स सेंटर के माध्यम से मदद उपलब्ध कराई जाएगी ताकि बड़े स्तर पर उत्पादकता का काम होने के साथ ही आपूर्ति चेन को मजबूत किया जाएगा। सरकार राज्यों के साथ मिलकर कृषि तथा अन्य क्षेत्रों में डिजिटल प्रक्रिया को अभियान के रूप में लिया जाएगा। सिल्क को बढाने तथा इसके निर्यात को बढावा दिया जाएगा। वित्त मंत्री ने कृषि क्षेत्र के लिए उत्पादकता, रिसर्च और विकास की सतत प्रक्रिया के लिए पर्याप्त धन उपलब्ध कराने तथा कृषि रोजगार को बढाने को महत्व दिया जाएगा। बड़े स्तर पर बेराजगारी को खत्म करने के लिए रोजगार के अवसर जुटाए जाएंगे।

 

विद्यार्थियों की मदद के लिए सरकार करेगी मॉडल कौशल ऋण योजना संशोधन: सीतारमण
 केंद्रीय बजट में सरकार ने मॉडल कौशल ऋण योजना में संशोधन का प्रस्ताव रखा है, जिसका उद्देश्य हर साल 25,000 विद्यार्थियों की मदद करना है।केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को इसकी घोषणा लोकसभा में बजट संबोधन में की। उन्होंने कहा, “बजट में हर साल 25,000 छात्रों की मदद के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना में संशोधन का प्रस्ताव है। इसके साथ ही घरेलू संस्थानों में उच्च शिक्षा के लिए 10 लाख रुपये तक के ऋण के लिए ई-वाउचर हर साल एक लाख छात्रों को दिये जाएंगे, जिससे ऋण राशि तीन प्रतिशत की वार्षिक ब्याज छूट के साथ दी जाएगी।”

उन्होंने कहा कि सरकार संवर्धित कोष की गारंटी के साथ 7.5 लाख रुपये तक की ऋण सुविधा के लिए मॉडल कौशल ऋण योजना को संशोधित किया जाएगा। इससे हर साल 25 हजार विद्यार्थियों को मदद मिलेगी। इसके साथ ही उद्योगों से सहयोग से कामकाजी महिलाओं के लिए छात्रावासों का निर्माण किया जाएगा।

 

 

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