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डोडा में आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में अधिकारी समेत 5 जवान शहीद, कश्मीर टाइगर्स ने ली जिम्मेदारी

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डोडा

 जम्मू-कश्मीर से एक बार फिर बुरी खबर सामने आई है। यहां के डोडा जिले के एक जंगली क्षेत्र में सोमवार देर रात आतंकवादियों के साथ मुठभेड़ में सेना के चार जवान शहीद हो गए हैं। एक अन्य सैन्य अधिकारी की हालत गंभीर है। राष्ट्रीय राइफल्स और जम्मू-कश्मीर पुलिस के विशेष अभियान समूह के जवानों ने रात करीब पौने आठ बजे देसा वन क्षेत्र के धारी गोटे उरबागी में संयुक्त घेराबंदी और तलाशी अभियान शुरू किया। तलाशी अभियान के दौरान आतंकियों ने फायरिंग की और सेना ने भी जवाबी फायरिंग की। लगातार 20 मिनट से अधिक समय तक गोलीबारी होती रही। इस दौरान सेना के 5 जवानों को गोली लगी। उन्हें अस्पताल लाया गया जहां चार की आधी रात मृत घोषित कर दिया गया।

एक अधिकारी और एक पुलिसकर्मी भी इस फायरिंग में घायल हुए हैं। अधिकारियों ने बताया कि घायलों को अस्पताल ले जाया गया है जहां उनकी भी मौत हो गई ।
 अधिकारियों ने बताया कि इस मुठभेड़ में पांच जवान गंभीर रूप से घायल हो गए जिन्हें इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया. मंगलवार सुबह इलाज के दौरान सभी ने दम तोड़ दिया. शहीद जवानों में सेना का एक अधिकारी और तीन सैनिक व जम्मू-कश्मीर पुलिस का एक कर्मी शामिल है.

16 आर्मी कोर, जिसे व्हाइट नाइट कोर के नाम से भी जाना जाता है, ने कहा कि अतिरिक्त सैनिकों को डोडा में मुठभेड़ क्षेत्र में भेजा गया है. पूरे इलाके में सर्च ऑपरेशन जारी है. आतंकवादी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने डोडा हमले की जिम्मेदारी ली है. यह संगठन जैश-ए-मोहम्मद का ही ऑफ शूट है जिसने हाल ही में कठुआ में सेना के काफिले पर हुए हमले की जिम्मेदारी ली थी. पिछले कुछ हफ्तों से जम्मू क्षेत्र में कई स्थानों पर हुए आतंकी हमलों के बाद सुरक्षा बल हाई अलर्ट पर हैं. भारतीय सेना ने 14 जुलाई को कुपवाड़ा जिले में नियंत्रण रेखा (एलओसी) पर घुसपैठ की कोशिश को नाकाम करते हुए तीन आतंकवादियों को मार गिराया था.

डोडा में 34 दिन में पांचवां एनकाउंटर

जम्मू डिवीजन के डोडा में यह एक महीने के अंदर आतंकियों के साथ मुठभेड़ की पांचवीं घटना है. इससे पहले 9 जुलाई को भी एक एनकाउंटर हुआ था. पिछले महीने 26 जून को एक आतंकी हमला हुआ था और 11-12 जून को दो हमले हुए थे. इन सभी हमलों के बाद आतंकियों और जवानों के बीच मुठभेड़ हुई थी. पिछले महीने 11 जून को आतंकियों ने डोडा के भद्रवाह-पठानकोट मार्ग पर 4 राष्ट्रीय राइफल्स और पुलिस की जॉइंट चेकपोस्ट पर फायरिंग की थी, जिसमें सेना के 5 जवान और एक स्पेशल पुलिस ऑफिसर (SPO) घायल हो गए थे. इस हमले की जिम्मेदारी भी आतंकवादी संगठन कश्मीर टाइगर्स ने ली थी.

डोडा के कोटा टॉप में 12 जून की रात आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच मुठभेड़ हुई थी, जिसमें जम्मू-कश्मीर पुलिस स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (SOG) के कॉन्स्टेबल फरीद अहमद जख्मी हो गए थे. उन्हें इलाज के लिए गवर्नमेंट मेडिकल कॉलेज डोडा में भर्ती कराया गया था. डोडा जिले के गंडोह इलाके में 26 जून की सुबह 2-3 आतंकियों के इलाके में छिपे होने की सूचना के बाद पुलिस और सेना ने सर्च ऑपरेशन लॉन्च किया था. सुबह 9.50 बजे एनकाउंटर शुरू हुआ और सुरक्षाबलों ने 3 आतंकियों को ढेर कर दिया था. इस एनकाउंटर में जम्मू-कश्मीर पुलिस स्पेशल ऑपरेशंस ग्रुप का एक जवान घायल हुआ था.

कठुआ में आतंकियों ने घात लगाकर किया था हमला

डोडा के गढी भगवा इलाके में 9 जुलाई की शाम शुरू हुए एनकाउंटर में सेना और आंतकियों की तरफ से लगातार फायरिंग हुई. इलाके में 2-3 आतंकियों के फंसे होने की आशंका थी. हालांकि, वे भागने में कामयाब रहे. जम्मू-कश्मीर के कठुआ जिले में 8 जुलाई को आतंकियों ने घात लगाकर सेना के दो ट्रकों पर हमला किया था, जिसमें एक जूनियर कमीशंड ऑफिसर (JCO) समेत 5 जवान शहीद हो गए थे. दोपहर के 3.30 बजे थे और कठुआ से करीब 123 किलोमीटर दूर लोहाई मल्हार ब्लॉक के माछेड़ी इलाके के बडनोटा में दो ट्रकों में सेना के करीब 12 जवान जा रहे थे.

आतंकियों ने घात लगाकर सेना के ट्रक पर पहले ग्रेनेड फेंका, फिर फायरिंग की थी. सेना के जवान जब तक संभले और काउंटर फायरिंग शुरू की, तब तक आतंकी जंगल में भागने में कामयाब रहे. इस हमले की जिम्मेदारी भी कश्मीर टाइगर्स ने ली थी. इसमें 3 से 4 आतंकियों के शामिल होने की बात सामने आई थी, जो एडवांस हथियारों से लैस थे. लोकल गाइड ने इस हमले में आतंकियों की मदद की थी. सुरक्षा बलों ने 6 जुलाई को कुलगाम जिले में दो अलग-अलग मुठभेड़ों में छह आतंकवादियों को मार गिराया था. इस दौरान दो जवान शहीद हो गए थे.

ऑपरेशन जारी
सेना ने कहा कि अतिरिक्त सैनिकों को क्षेत्र में भेजा गया है तथा अंतिम जानकारी आने तक अभियान जारी था। अधिकारियों के अनुसार इलाके में आतंकवादियों की मौजूदगी की सूचना के बाद अभियान शुरू किया गया था। पुलिस के एक प्रवक्ता ने मुठभेड़ की पुष्टि की, लेकिन कहा कि और विवरण का इंतजार है।

सेना की 16वीं कोर, जिसे व्हाइट नाइट कोर के नाम से भी जाना जाता है उसने सोशल मीडिया मंच 'एक्स' पर पोस्ट में कहा, 'क्षेत्र में अतिरिक्त सैनिक भेजे गए हैं, अभियान जारी है।'

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