राजकोट
गुजरात के राजकोट में लगभग डेढ़ महीने पहले हुए TRP गेम जोन आग हादसे में जान गंवाने वाले 20 साल के एक युवक के पिता ने 20 लाख रुपए का मुआवजा मांगा है। गेम जोन को चलाने वाली फर्म से इस रकम की मांग करते हुए उन्होंने जिला उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग का दरवाजा खटखटाया है। उन्होंने फर्म पर लापरवाही और दोषपूर्ण सेवा देने का आरोप लगाया है। बता दें कि इस साल 25 मई को गेम जोन में लगी आग में 27 लोगों की जान चली गई थी।
मुआवजे की मांग को लेकर केस करने वाले मृतक इंजीनियरिंग छात्र के पिता का नाम रसिक वेकारिया है जो कि एक व्यापारी हैं। इस बारे में जानकारी देते हुए उनके वकील गजेन्द्र जानी ने मंगलवार को बताया कि वेकारिया ने गेम जोन चलाने वाली कम्पनी से उसके लापरवाह रवैये और सेवा में कमी के लिए 20 लाख रुपए का मुआवजा मांगा है। वेकारिया ने मुआवजे की मांग करते हुए आयोग को बताया कि हादसे में मारा गया नीरव उनका इकलौता बेटा था, जो कि पढ़ने में काफी होशियार था और इंजीनियरिंग का दूसरे वर्ष का छात्र था। लेकिन फर्म और उसके साझेदारों की लापरवाही की वजह से हादसे में उसकी असमय मौत हो गई।
वकील गजेन्द्र जानी के मुताबिक इस शिकायत से सम्बन्धित सभी दस्तावेजी साक्ष्य लाने के लिए राजकोट के कलेक्टर, पुलिस कमिश्नर और नगर निगम आयुक्त को भी पक्ष बनाया गया है। उन्होंने बताया कि जज केएम दवे ने रेसवे एंटरप्राइजेज, उसके पार्टनर्स के साथ ही राजकोट कलेक्टर, पुलिस आयुक्त और नगर निगम आयुक्त सहित नौ प्रतिवादियों को नोटिस जारी किए हैं। जानी ने कहा, शिकायत में मांग की गई है कि फर्म के साझेदार और उस जगह के मालिक जहां फर्म काम करती थी, मृतक नीरव वेकारिया के परिवार को 20 लाख रुपए का मुआवजा दें।
शिकायत के अनुसार, रेसवे एंटरप्राइजेज और उसके पार्टनर्स ने TRP गेम जोन के नाम से खेल, मनोरंजन और रेसिंग जैसी गतिविधियों के लिए विभिन्न प्रकार के विज्ञापनों के माध्यम से अपने उत्पादों की पेशकश की। वहीं इस तरह के विज्ञापनों से आकर्षित होकर नीरव और अन्य ग्राहक निर्धारित राशि का भुगतान करते हुए इसके विभिन्न उत्पादों जैसे ट्रैम्पोलिन, कृत्रिम दीवार पर चढ़ना, रेसिंग, बॉलिंग, जम्पिंग आदि का मजा लेने के लिए गेम जोन में गए। लेकिन 25 मई को जब आग लगी तो नीरव और अन्य लोग गेम जोन से सुरक्षित बाहर नहीं निकल सके और आग में जलने से असमय उनकी मौत हो गई।
शिकायत में फर्म पर अपने ग्राहकों की सुरक्षा के प्रति लापरवाही बरतने का आरोप लगाया गया है, क्योंकि उसने न तो अग्निशमन यंत्र उपलब्ध कराए और न ही बीमा कवर प्रदान किया। फर्म के ग्राहक नीरव को फर्म से दोषपूर्ण सेवा मिली और उसकी लापरवाही के कारण उसकी मृत्यु हो गई। वेकारिया द्वारा 29 जून को शिकायत दर्ज की गई थी और नोटिस 6 जुलाई को जारी किए गए। इस मामले में सुनवाई 2 अगस्त को होगी।