महाराष्ट्र के पुणे ब्रिज हादसे को लेकर सियासत तेज हो गई है. (यूबीटी) ने इसके लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंने पूछा कि जब ब्रिज जर्जर था और उसे बंद कर दिया गया था, तो वहां प्रशासन क्यों नहीं था?
(यूबीटी) नेता और प्रवक्ता आनंद दुबे ने ब्रिज हादसे के लिए प्रशासन को जिम्मेदार ठहराया. उन्होंने कहा, “पुणे के इंद्रायणी नदी पर बने पुल के गिर जाने से कई लोग बह गए हैं और दो लोगों की मौत हो गई है. लापता लोगों को बचाने के लिए एनडीआरएफ और पुलिस की टीमें लगी हुई हैं. मगर एक सवाल यह उठता है कि जब ब्रिज जर्जर था और उसे बंद कर दिया गया था तो वहां प्रशासन क्यों नहीं था? वहां पुलिसकर्मी क्यों नहीं थे और उसे बनाया क्यों नहीं गया? क्या जानबूझकर लोगों को वहां इकट्ठा इसलिए किया गया, ताकि वे मर जाएं? क्या यह सब साजिश चल रही है? क्या इसलिए हम सरकार को चुनते हैं?”
उन्होंने कहा, “हम इस पर राजनीति नहीं करेंगे, लेकिन मैं पूछना चाहता हूं कि राज्य में किसी भी पार्टी की सरकार हो और कोई भी प्रशासन क्यों न हो, लोगों की जिंदगी से खिलवाड़ क्यों? न वायु मार्ग सुरक्षित है, न जलमार्ग सुरक्षित है और न ही हेलीकॉप्टर सुरक्षित है? हमारे देश में सुरक्षित क्या है? बारिश के सीजन में जब लोग नदी किनारे इंजॉय करना चाहते हैं तो उस दौरान उनकी जिंदगी से कौन खेल रहा है. इसके बावजूद वहां के सांसद और लोग कह रहे हैं कि ब्रिज जर्जर था, और लोग जानबूझकर ही वहां जाते हैं. मैं पूछता हूं कि जो सिस्टम खराब हो गया है, उसे ठीक क्यों नहीं किया जा रहा है. मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस से मांग है कि दोषियों पर कार्रवाई हो.”
वहीं, (यूबीटी) नेता आदित्य ठाकरे ने हादसे पर दुख जताया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “मावल तालुका के पर्यटन स्थल कुंदमाला में पुल ढहने की दुर्घटना जितनी दिल दहला देने वाली है, उतनी ही चौंकाने वाली भी है. इस त्रासदी में इंद्रायणी नदी में बहे पर्यटकों को बचाने में बचाव दल सफल हो और सभी सुरक्षित रहें, यही मेरी ईश्वर से प्रार्थना है.”
वहीं, महाराष्ट्र सरकार में मंत्री और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने हादसे पर दुख जताया. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, “पुणे जिले के इंदौरी में इंद्रायणी नदी पर बना पुल ढह गया है. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार, इस बेहद दर्दनाक और हृदय विदारक हादसे में दो नागरिकों की मौत हो गई है और कुछ के बह जाने की आशंका है. साथ ही, कुछ लोग घायल भी हैं. फंसे हुए नागरिकों को बचाने के लिए युद्धस्तर पर बचाव कार्य जारी है. एनडीआरएफ समेत सभी प्रशासनिक एजेंसियां इसके लिए पूरी तत्परता से काम कर रही हैं. अब तक छह लोगों को बचा लिया गया है और अन्य की तलाश जारी है. घायलों को तुरंत उपचार दिया जा रहा है.”
उन्होंने कहा, “मैं प्रार्थना करता हूं कि सभी घायलों के स्वास्थ्य में जल्द सुधार हो. इस त्रासदी में मारे गए लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं. मैं इस दुख की घड़ी में मृतकों के परिवार के साथ खड़ा हूं.”