सरकार ने वित्तवर्ष 2023-24 के बजट के लिए तैयारियां शुरू कर दी हैं और सभी हितधारकों से बजट को लेकर सुझाव मांगे जा रहे हैं. इस कड़ी में उद्योगों और व्यापारिक संगठनों से भी सुझाव मांगा है. वित्त मंत्रालय ने इस बार उद्योगों और व्यापारिक संगठनों से टैक्स को लेकर सुझाव मांगे हैं, जिसके बाद ये कयास लगाए जाने लगे हैं कि आगामी बजट में एक फिर उद्योग जगत को टैक्स में राहत मिल सकती है.
वित्त मंत्रालय ने कहा है कि उद्योगों और व्यापारिक संगठनों को प्रत्यक्ष एवं अप्रत्यक्ष टैक्स पर अपने सुझाव 5 नवंबर तक देने होंगे. सुझाव के साथ इंडस्ट्री को अपनी मांग भी मंत्रालय के पास भेजनी होगी और इसमें से जो भी तर्कसंगत लगेगा उसे 1 फरवरी, 2023 को जारी होने वाले आम बजट में शामिल किया जा सकता है. टैक्स के मामले में डाइरेक्ट और इनडाइरेक्ट टैक्स के साथ शुल्क और रेट को लेकर भी सुझाव मांगे गए हैं.
मंत्रालय ने कहा है कि अगले वित्तवर्ष 2023-24 के लिए केंद्रीय बजट तैयार करने में इन सुझावों और प्रस्तावों से काफी मदद मिलेगी. साथ ही संगठनों और अलग-अलग उद्योगों के सहयोग से बजट को ज्यादा बेहतर बनाया जा सकता है. वित्त मंत्रालय ने ये भी कहा है कि जबसे उद्योगों को टैक्स इंसेंटिव, डिडक्शन और छूट जैसी सुविधाएं दी गई हैं, इसका पॉजिटिव असर भी दिख रहा है. ये कदम भी उद्योग जगत की सिफारिशों के बाद ही उठाए गए थे.
कम्प्लायंस का बोझ भी घटाएगी सरकार
वित्त मंत्रालय ने उद्योगों पर कम्प्लायंस का बोझ घटाने को लेकर भी सुझाव मांगे हैं. इससे टैक्स को लेकर निश्चित कानून बनाने और इससे जुड़े विवादों को कम करने में भी मदद मिलेगी. माना जा रहा है कि उद्योग जगत अप्रत्यक्ष टैक्स के मोर्चे पर इन्वर्टेड ड्यूटी स्ट्रक्चर में सुधार की मांग कर सकता है. इसमें कहा गया है कि मैन्युफैक्चरिंग के हर स्टेज पर उत्पाद की कीमतों को तर्कसंगत बनाने के लिए टैक्स में सुधार किया जाना चाहिए.