बढ़ती महंगाई और बाजार की अस्थिरता के बीच गेहूं और आटे की कीमत बढ़ा है. देश में गेहूं की कीमतों पर काबू पाने के लिए सरकार ने मई के महीने में इसके निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था. गेहूं और आटे की कीमतों में लगातार तेजी से लोगों के किचन का बजट भी बढ़ा है. पिछले 1 महीने में गेहूं की कीमतों में तीन परसेंट की बढ़ोतरी हुई है. वहीं आटे की कीमतों पर नजर डालें तो पिछले 1 महीने में इसके भाव में 5% की बढ़ोतरी हुई है. गेहूं और आटे की कीमतों में इजाफा होने से सरकार भी एक्शन मोड में आ गई है. सरकार कीमतों पर लगाम लगाने के लिए कदम उठाने की तैयारी में है.
इस खबर पर ज्यादा जानकारी देते हुए सीएनबीसी-आवाज़ के असीम मनचंदा ने कहा कि हम देख रहे हैं कि गेहूं और आटे की कीमतें लगातार बढ़ी है. पिछले 1 महीने में गेहूं के भाव में 3% की बढ़ोत्तरी हुई है जबकि आटे की कीमत में 5% का इजाफा देखने को मिला है. इसलिए अब सरकार कीमतों पर लगाम के लिए एक्शन मोड में नजर आ रही है.
1 साल में 15% तक बढ़ी गेहूं की कीमत
इस पर बात करते हुए आगे उन्होंने बताया कि पिछले 1 साल के आंकड़ों पर नजर डालें तो भी कीमतें काफी बढ़ी हैं. अगर गेहूं और आटे की कीमतों के एक साल पहले के भाव के हिसाब से तुलना करें तो 1 साल में गेहूं की कीमतें 15% तक बढ़ी है. वहीं आटे की बात करें तो 1 साल में आटे की कीमतों में 20% तक बढ़ोतरी हुई है.
सरकार जल्द घटा सकती है गेहूं पर इंपोर्ट ड्यूटी
असीम ने कहा कि त्योहारी सीजन में गेहूं और आटे की कीमत बढ़ने की वजह से सरकार जल्द ही गेहूं पर इंपोर्ट ड्यूटी घटा सकती है. सरकार के इंपोर्ट ड्यूटी घटाने से कीमतों पर लगाम लग सकती है जिससे त्योहारी सीजन में लोगों को राहत मिल सकती है. फिलहाल अभी गेंहू पर 40% की इंपोर्ट ड्यूटी लगती है.