Home अंतर्राष्ट्रीय उत्तरी अफगानिस्तान में भारी बारिश से आई अचानक बाढ़ से 84 की...

उत्तरी अफगानिस्तान में भारी बारिश से आई अचानक बाढ़ से 84 की मौत, कई लापता, सैकड़ों जख्मी

11

उत्तरी अफगानिस्तान में भारी बारिश से आई अचानक बाढ़ से 84 की मौत, कई लापता, सैकड़ों जख्मी

फरयाब प्रांत में बाढ़ से भारी नुकसान, 1500 मकान क्षतिग्रस्त, 300 पशुओं की मौत

नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने संसद में विश्वास मत हासिल किया

इस्लामाबाद
उत्तरी अफगानिस्तान में असामान्य रूप से हुई भारी बारिश के बाद अचानक आई बाढ़ में कम से कम 84 लोगों की मौत हो गई। यह जानकारी तालिबान के एक प्रवक्ता ने  दी।

फरयाब प्रांत के गवर्नर के प्रवक्ता इस्मतुल्ला मुरादी ने कहा कि शनिवार रात प्रांत के चार जिलों में भारी बारिश के बाद आई बाढ़ में कम से कम 66 लोगों की मौत हो गई। जबकि पांच लोग घायल हो गए, आठ लोग लापता है। उन्होंने बताया कि अन्य लोगों की मौत शुक्रवार को आई बाढ़ में हुई।

मुरादी ने कहा कि 1,500 मकान पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं, सैकड़ों हेक्टेयर कृषि भूमि बर्बाद हो गई है और 300 से अधिक पशु मारे गए हैं। अफगानिस्तान में असामान्य रूप से भारी मौसमी बारिश हो रही है।

पश्चिमी प्रांत गोर के गवर्नर के प्रवक्ता अब्दुल वाहिद हमास के अनुसार, बुरी तरह प्रभावित प्रांत में शुक्रवार को आई बाढ़ से 50 लोगों के मरने की खबर है।

नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने संसद में विश्वास मत हासिल किया

काठमांडू
 नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दाहाल ‘प्रचंड’ ने सोमवार को संसद में विश्वास मत हासिल कर लिया जो उनके पदभार संभालने के 18 महीने के भीतर चौथा शक्ति परीक्षण था।

नेपाल की प्रतिनिधि सभा (एचओआर) में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी ‘कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल (माओइस्ट सेंटर)’ के नेता प्रचंड (69) को 275 सदस्यीय प्रतिनिधि सभा में 157 वोट मिले।

मतदान में कुल 158 सांसदों ने हिस्सा लिया। मुख्य विपक्षी दल नेपाली कांग्रेस ने मतदान प्रक्रिया का बहिष्कार किया। प्रतिनिधि सभा का एक सदस्य तटस्थ रहा।

यह शक्ति प्रदर्शन गठबंधन सहयोगियों में शामिल ‘जनता समाजबादी पार्टी’ (जेएसपी) द्वारा पिछले सप्ताह गठबंधन सरकार से अपना समर्थन वापस लिए जाने के कुछ दिनों बाद किया गया है।

प्रचंड के दिसंबर 2022 में प्रधानमंत्री पद संभालने के बाद से संसद में विश्वास मत के लिए चौथी बार मतदान हुआ है।

संवैधानिक प्रावधानों के मुताबिक, किसी सहयोगी दल के सत्तारूढ़ गठबंधन से समर्थन वापस लेने की स्थिति में प्रधानमंत्री को विश्वास मत हासिल करना होता है।

 

 

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here