Home धर्म-आध्यात्म सनातन धर्म में भगवान की पूजा करते समय घी और तेल के...

सनातन धर्म में भगवान की पूजा करते समय घी और तेल के दीपक जलाने का नियम है, ऐसी बाती जलाने से खुश होते हैं देवता

9

सनातन धर्म में भगवान की पूजा करते समय घी और तेल के दीपक जलाने का नियम है और इसे बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है. कहा जाता है कि भगवान की पूजा दीपक के बगैर अधूरी मानी जाती है. कुछ लोग लंबी बाती का दीपक जलाते हैं और कुछ लोग गोल बाती का दीपक लगाते हैं. यदि इनका पालन नहीं किया गया तो यही दीपक घर की बर्बादी का कारण बन जाते हैं. आइए जानते हैं कौनसे देवी-देवताओं के सामने दीपक में कौनसी बाती रखना शुभ है.

मान्यता है कि दीपक जलाकर देवी-देवता की आरती करने से पूजा पूर्ण होती है. इसके साथ ही घर का वातावरण शुद्ध होता है और अधिक सकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है. आमतौर पर देवी-देवता के समक्ष दीपक की बाती कलावा या फिर रूई से बनाई जाती है और इसे जलाने के लिए घी, सरसों या फिर तिल के तेल का इस्तेमाल किया जाता है.

गोल बाती का दीपक
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, गोल बाती का दीपक ब्रह्मा जी, इंद्रदेव, शिव जी, विष्णु जी सहित अन्य देवता के मंदिर में लगाना शुभ होता है. गोल बाती को फूल बाती भी कहा जाता है. इसके साथ ही तुलसी के पौधे के सामने भी गोल बाती वाला दीपक ही जलाना चाहिए. गोल बाती जलाने से घर में स्थिरता आती है, जिससे मां लक्ष्मी का घर में हमेशा वास रहता है.

देवी मां के आगे ना जलाए गोल बाती का दीपक
लंबी बाती जलाने से सुख-समृद्धि, धन-संपदा, ऐश्वर्य में वृद्धि होती है. इस बात का ध्यान रखें कि लंबी बाती का दीपक केवल मां लक्ष्मी, दुर्गा जी, सरस्वती सहित अन्य देवी के पूजन में जलाया जाता है. लक्ष्मी जी के सामने लंबी बाती का दीपक जलाने से धन की वृद्धि होती है और कुल देवता के समक्ष ये बाती जलाने से कुल की वृद्धि होती है.

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here