मुंबई। धारावी कोलीवाड़ा के लिए गर्व का पल आया जब उनके बीच गरीबी में पला मजदूर का बेटा उमेश दिलिराव कीलू भारतीय सेना में अफसर के पद पर तैनात हुआ। उनकी मां और बहन सहित परिवार के नौ सदस्यों ने चेन्नई में ऑफिसर्स ट्रेनिंग अकादमी में शनिवार की पासिंग आउट परेड में भाग लिया। आर्मी की वर्दी पहनने से पहले तक उमेश ने गरीबी से आमने- सामने की लड़ाई लड़ी। 2023 में लकवाग्रस्त पिता की मौत हो गई।
एनसीसी की ट्रेनिंग के दौरान सेना में अफसर बनने के लिए उसे प्रेरणा मिली। उमेस को इस बात ने सेना की नौकरी के लिए प्रेरित किया कि सेना उन्हें खेल खेलने और यात्रा करने का अवसर देगी और साथ ही राष्ट्र की सेवा करने के लिए उन्हें सम्मानित भी करेगी। उन्होंने कहा, “मैं 13 प्रयासों के बाद एसएसबी परीक्षा पास करने में कामयाब रहा। मैं अपनी पोस्टिंग का खुलासा नहीं कर सकता, यह एक गोपनीय मामला है। यह कहना पर्याप्त है कि मैं आईटी इन्फैंट्री यूनिट से संबद्ध हूं।”
उन्होंने कहा, “बेरोजगारी काफी अधिक है। मुझे उम्मीद है कि मेरी उपलब्धि क्षेत्र के अन्य युवाओं को सेना में शामिल होने के लिए प्रेरित करेगी। ऐसे लोगों को भी प्रेरणा मिलेगी जो वित्तीय संकट का सामना कर रहे हैं।”
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, उमेश ने कहा, “मेरे पिता एक पेंटर थे। 2013 में लकवाग्रस्त हो गए और मार्च 2023 में मुझे सेना प्रशिक्षण के लिए रिपोर्ट करने से एक दिन पहले दिल का दौरा पड़ने से उनकी मृत्यु हो गई। आज मैंने अपना 11 महीने का प्रशिक्षण पूरा कर लिया और सेना में एक कमीशन अधिकारी बन गया।
उमेश ने गरीबी को काफी नजदीक से देखा है। लेकिन उस दृढ़ निश्चय और लगन ने यह मुकाम दिलाया है। आर्थिक तंगी के कारण छात्रवृत्ति प्राप्त की और एक स्थानीय साइबर कैफे में काम किया। उमेश को टाटा ट्रस्ट, पीएफ डावर ट्रस्ट और महालक्ष्मी ट्रस्ट से भी सहायता मिली।
उमेश ने आईटी में बीएससी पूरी की और कंप्यूटर साइंस में मास्टर डिग्री ली। उन्होंने बताया, “मैंने तीन साल तक टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज में भी काम किया और उसके बाद ब्रिटिश काउंसिल में भी काम किया।”