नई दिल्ली। सर्वोच्च न्यायालय ने आज एक एतिहासिक फैसला दिया है। याचिकाकर्ताओं के याचिका पर फैसला सुनाते हुए SC ने कहा है चुनाव आयोग अपने वेवसाइट पर यह बतायें कि किस कम्पनी व्दारा राजनितिक पार्टियों को इलेक्टोरल बाॅंड के माध्यम से चंदे देती है,जिसे सार्वजनिक किया जाये। तथा SBI को निर्देशित किया है कि सभी राजनीतिक पार्टियों को मिले बाॅंड की सम्पूर्ण जानकारी इलेक्शन कमीशन को दे जिससे कालेधन पर लगाम लगाया जा सके। अब सभी पार्टियों के सामने यह समस्या उत्पन्न हो गई है कि जो भी चंदा उन्हें मिला हुआ है वह सभी रद्द हो जायेंगे। लेकिन अभी सुप्रीम कोर्ट ने यह नहीं कहा है कि यदि किसी पार्टी को चंदा दिये जाए तो उसका तरीका क्या हो। SBI से SC ने इलेक्टोरल बांड की पूरी जानकारी देने के आदेश भी दिये हैं। अब सभी राजनीतिक पार्टियों को यह बताना होगा कि उसे पैसे कहां से मिले हैं। दानदाताओ की गोपनीयता को सर्वोच्च न्यायालय ने भंग कर दी है। अब किसी भी नागरिक को चुनाव आयोग से सूचना के अधिकार के तहत पूरी जानकारी लेने का अधिकार होगा,तथा 13 मार्च तक सभी मिले चंदे को चुनाव आयोग व्दारा सार्वजनिक करनी होगी।