रायपुर। आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर दोनों राजनीतिक पार्टियां रणनीति बनाने में लग गई है।जहां भाजपा ने राम मंदिर निर्माण को मुख्य मुद्दा समझने लगी है वहीं कांग्रेस में विधानसभा चुनाव हारने के बाद मायूसी छा गई है। दिग्गज नेतागण भी लोकसभा चुनाव लड़ने से कतराने लगे हैं।
कांग्रेस के राष्ट्रीय नेतृत्व ने सचिन पायलट को आगामी लोकसभा चुनाव के दृष्टिगत छत्तीसगढ़ में रणनीति बनाने और प्रत्याशियों के चयन हेतु प्रभारी नियुक्त किया है।वे लगातार बैठकें लेकर प्रत्याशी चयन में लगे हैं। इस लोकसभा चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल, डॉ शिव डहरिया,टीएस सिंहदेव जैसे बड़े नेताओं पर दांव आजमाना चाहती है। लेकिन वरिष्ठों व्दारा अपना पलड़ा झाड़ लिया जा रहा है,वे चुनाव नहीं लड़ना चाहते हैं। पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने चुनाव नहीं लड़ने की बात मिडिया के सामने भी कह दी है।
भाजपा के वरिष्ठ नेता और केबिनेट मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कांग्रेस पर तंज कसते हुए कहा है कि कांग्रेस राम के नाम से डर गई है। वहीं दुर्ग लोकसभा के सांसद विजय बघेल ने भूपेश बघेल को दुर्ग लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने की चुनौती दे दी है।
बिहार में नितीश कुमार के फिर पलटकर भाजपा का दामन थामने के बाद और भाजपा का 400 के पार की रणनीतियों को देखकर कांग्रेस और अन्य घटक दलों में चिंता की लकीरें खिंचने लगी है। ऐसी स्थिति में छत्तीसगढ़ कांग्रेस नये प्रत्याशियों पर दांव लगाये तो आश्चर्य नहीं होगा।