मुम्बई। प्रवर्तन निदेशालय ने शिवसेना के उद्धव गुट (यूबीटी) नेता सूरज चव्हाण को कोविड-19 के दौरान प्रवासियों को ‘खिचड़ी’ के वितरण में कथित अनियमितताओं से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग मामले में गिरफ्तार किया गया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार एजेंसी के कार्यालय में पूछताछ के बाद चव्हाण को देर शाम धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत गिरफ्तार किया गया है। उम्मीद है कि गुरुवार को स्थानीय अदालत में पेश किया जाएगा।
चव्हाण पर महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री और शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) प्रमुख उद्धव ठाकरे के बेटे आदित्य ठाकरे का सहयोगी होने का आरोप है। मनी लॉन्ड्रिंग का मामला मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) की एक एफआईआर से उपजा है। पुलिस के अनुसार, कोविड-19 संकट के दौरान प्रवासियों को ‘खिचड़ी’ उपलब्ध कराने के लिए बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) द्वारा ठेका देते समय कथित अनियमितताएं हुईं।
सूत्रों के मुताबिक, आरोप है कि सूरज चव्हाण ने चुनिंदा ठेकेदारों को ठेके देने के लिए बीएमसी अधिकारियों को प्रभावित किया था, जिनका पार्टी नेताओं से कथित तौर पर सीधा संबंध था। मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (ईओडब्ल्यू) ने सितंबर 2023 में शिवसेना (यूबीटी) सांसद संजय राउत के करीबी सुजीत पाटकर, सुनील उर्फ बाला कदम, सह्याद्रि रिफ्रेशमेंट के राजीव सालुंके और अन्य के खिलाफ ‘ खिचड़ी ‘ घोटाले के संबंध में मामला दर्ज किया था।
मुंबई पुलिस के मुताबिक, ‘खिचड़ी’ वितरण का ठेका देने में करीब 6.37 करोड़ रुपये की अनियमितता होने का अनुमान है। आरोपों के अनुसार, आरोपी ने प्रस्तुत चालान के अनुसार उल्लिखित नंबरों पर ‘खिचड़ी’ की आपूर्ति नहीं की। साथ ही खाने के पैकेट 250 ग्राम के होने चाहिए थे, लेकिन ठेकेदारों ने उन पैकेटों में सिर्फ 125 ग्राम खाना ही बांटा।