भिलाई। 2023 विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के पराजय के बाद नगरीय निकायों में बैठे कांग्रेस के अध्यक्ष एवं महापौरों के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने का दौर प्रारंभ हो गया है। सरायपाली नगर पालिका के अध्यक्ष अमृत पटेल को हटाने के बाद आज जगदलपुर नगर पालिका के अध्यक्ष के खिलाफ पार्षदों ने अपना विरोध दर्ज कर दिया है। इसी तरह भाटापारा नगर पालिका अध्यक्ष एवं उपाध्यक्ष के विरूद्ध अविश्वास प्रस्ताव को वरिष्ठ कांग्रेसियों के समझाइश के बाद खारिज कर दिया गया था।
नगर पालिक निगम चरौदा-भिलाई 3 के महापौर निर्मल कोसरे को वर्तमान विधानसभा चुनाव में बुरी तरह पराजय का सामना करना पड़ा है। उनके महापौर के दो वर्षों के कार्यकाल में दोनों दलों के पार्षदों में लगातार नाराजगी देखने को मिलती रही है। अब नाराज पार्षदो में महापौर के प्रति नाराजगी सामने आने लगी है। वर्तमान में सत्ता पक्ष(कांग्रेस )के 19 पार्षद, निर्दलीय 5 एवं भाजपा के 16 पार्षद जीतकर आये हैं। कुल 40 सीटों के नगर निगम में कांग्रेस के पार्षदों के साथ निर्दलियों का भी नगर सरकार बनाने में अहम रोल रहा है। कांग्रेस के महापौर निर्मल कोसरे और उनके एमआईसी को निर्दलियों के समर्थन से महापौर और सभापति बनाया गया था। लेकिन महापौर के पक्षपात पूर्ण रवैये के कारण वार्डों में विकास कार्यों में भेदभाव का आरोप पार्षदगण लगाते रहे हैं। प्रदेश की सत्ता कांग्रेस के हाथों से खिसकने के साथ ही भाजपा के पार्षद असंतुष्ट कांग्रेसी पार्षदों को साधने में लग गये हैं। चूंकि चरौदा-भिलाई 3 नगर निगम के महापौर का पद अनुसूचित जाति वर्गों के लिए आरक्षित होने के कारण भाजपा भी नये महापौर प्रत्याशी की तलाश में जुट गई है। विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार जल्द ही असंतुष्ट कांग्रेसी पार्षदों का समर्थन लेकर भाजपा पार्षदो व्दारा महापौर के खिलाफ जल्द ही अविश्वास प्रस्ताव लाने की रणनीति बनायी जा रही है।