भिलाई। व्यवसाय और राजनिति में विज्ञापन को आवश्यक माना जाता है। कुछ वर्षों के पूर्व तक अखबारों,टीवी और दीवारों पर पोस्टर चिपकाकर प्रचार प्रसार किया जाता था, लेकिन समय के साथ प्रचार प्रसार का आधुनिक स्वरूप के रूप में मकानों के ऊपर बड़े बड़े फ्रेम लगाकर होल्डिंग्स लगने लगे। विज्ञापन के नये रूप में एजेंसियों और सड़क किनारे निवासरत लोगों को व्यवसाय का आसार तरीका जरूर मिला और आर्थिक लाभ भी होने लगे लेकिन यह आम नागरिकों के लिए खतरा पैदा करने लगे हैं।
मुख्य मार्गों पर लगे होल्डिंग्स से जहां व्यवसाय और राजनेताओं को फायदा मिला वहीं यह आम नागरिकों के लिए खतरे का सबब बन गया है। प्रायः तेज हवा और बारिश के मौसम में इन होल्डिंग्स और बैनर के टूटकर या फटकर गिरने से जान माल की हानि होने लगी है।
मानसून के पूर्व तेज हवा और तूफान का आना स्वाभाविक होता है। लेकिन इन तेज हवा और पानी से सड़क के किनारे मकानों और दुकानों के छत पर लगे बैनर और पोस्टर फटकर सड़क पर चल रहे राहगीरों पर गिरने से कई दुर्घटनाऐं घटित हो चुकी है जिसमें दर्जनों जानें भी जा चुकी है। फिलहाल ऐसी ही घटना बिलासपुर में हुई जिसमें मौत भी हो गई थी।
नगरीय निकाय विभाग होल्डिंग्स और बोर्ड को अपने आय का स्त्रोत मानती है,जिससे उन्हें लाखों रूपयों की आय भी होती है। लेकिन अफसोस की बात है कि इन होल्डिंग्स व्यवसायियों पर दुर्घटना होने या आर्थिक हानि होने पर किसी प्रकार कार्यवाही नहीं करती। जिसके कारण यह अनैतिक व्यवस्था लगातार फल फूल रहा है। आगामी दिनों में इन होल्डिंग्स से कोई दुर्घटना ना हो , जिसके लिए कड़े नियम और अर्थदंड की कार्यवाही किये जाने की आवश्यकता है। जिससे जान-माल की रक्षा हो सके।