पहलगाम आतंकी हमले को लेकर भारत का रुख साफ है. पीएम मोदी ने बता दिया है कि पाकिस्तान सरकार और फौज की जिहादी मानसिकता का मुंह तोड़ जवाब दिया जाएगा. भारत किसी भी कीमत पर 26 पर्यटकों की मौत का बदला लेकर ही रहेगा. उधर, पाकिस्तान की आर्मी भी भारतीय सेना के होने वाले हमले को लेकर पूरी तैयारी में जुटी है. इसी बीच पाकिस्तान के पूर्व राजदूत हुसैन हक्कानी ने हाल ही में एक एक्स पोस्ट के जरिए पाकिस्तान की सैना और राजनीतिक पार्टियों की नीतियों पर तीखा हमला बोला है. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि भारत को दुश्मन बताने की बजाय पाकिस्तान को अपनी जिहादी सोच और आतंकवाद को बढ़ावा देने वाली नीतियों पर ध्यान देना चाहिए, जो देश के लिए असली खतरा हैं.
हक्कानी ने अपने एक्स पोस्ट में लिखा, “भारत को एक क्रूर आतंकवादी हमले पर दुखी और क्रोधित होना सही है. पाकिस्तान को सबूत मांगने का अधिकार है. दुनिया को तनाव कम करने के लिए कहना सही है. अब, क्या हम असली मुद्दे पर चर्चा शुरू कर सकते हैं: चरमपंथी विचारधाराएँ और जिहादी आतंकवादियों का समर्थन.” हक्कानी ने साफ तौर पर बिना किसी का नाम लिए पाकिस्तान को कठघरे में खड़ा किया. उन्होंने माना कि पाकिस्तान की सैन्य और सिविलियन लीडरशिप भारत को दुश्मन नंबर एक बताकर अपनी नीतियों को जायज ठहराती रही है. लेकिन असल खतरा जिहादी विचारधारा है, जिसे दशकों से पाकिस्तान ने ही पोषित किया गया.
पहले भी आतंकवाद पर पाकिस्तान की लगाई क्लास
पाकिस्तान की यह जिहादी सोच ना केवल उनके अपने मुल्क के लिए खतरा है बल्कि उसके पड़ोसियों को भी इससे काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है. दशकों से पाकिस्तान में जम्मू-कश्मीर में जिहाद के नाम पर लोगों को बांटता रहा है. पीओके के रास्ते ये आतंकी भारतीय सीमा में प्रवेश करने के बाद सेना ओर सुरक्षाबलों को निशाना बनाते हैं. उन्होंने 2016 में एक इंटरव्यू में भी यही बात कही थी. तब लाहौर में हुए आतंकी हमले के बाद उन्होंने पाकिस्तानी सेना और सरकार की नीतियों की आलोचना करते हुए कहा था कि भारत-केंद्रित आतंकी समूहों जैसे लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ कार्रवाई न करना पाकिस्तान के लिए आत्मघाती साबित हो रहा है.