दिल्ली की मुख्यमंत्री बनने से पहले रेखा गुप्ता गांधी परिवार पर खूब हमलावर रही हैं. जब बीजेपी ने उन्हें सीएम के लिए चुना तो खूब आलोचना हुई. उनके सोशल मीडिया पोस्ट वायरल होने लगे. जिसमें वे गांधी परिवार को जमकर सुनाती दिख रही थीं. सोशल मीडिया में दावा तो यहां तक किया जा रहा है कि उन्होंने राहुल गांधी और प्रियंका गांधी को लेकर रावण शूर्पणखा वाला ट्वीट भी किया था. लेकिन सोमवार को नजारा कुछ अलग था. जब दोनों नेता साथ बैठे नजर आए. रेखा गुप्ता राहुल गांधी को कुछ समझाती दिखीं.
मौका था दिल्ली में बीआर आंबेडकर जयंती के मौके पर प्रेरणा स्थल पर आयोजित एक कार्यक्रम का, जब दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता और विपक्ष के नेता राहुल गांधी एक ही मंच पर साथ नजर आए. दोनों नेताओं के बीच हुई मुलाकात और उनके हावभाव ने सियासी गलियारों में चर्चा का माहौल बना दिया है. वायरल हो रहे एक वीडियो में दोनों नेता एक ही फ्रेम में दिखे, दोनों ने एक सोफे पर साथ बैठकर कुछ देर बातचीत की. रेखा गुप्ता के चेहरे पर हल्की मुस्कान थी. उनकी बॉडी लैंग्वेज फार्मल थी, जैसे वह इस मुलाकात को एक प्रोटोकॉल के तौर पर ले रही हों. वह राहुल गांधी से बात करती नजर आईं. आमतौर पर दो बड़े नेताओं के बीच यह एक सामान्य शिष्टाचार जैसा लगा. उनकी मुस्कान में एक सतर्कता भी दिखी, जो उनके हाल के विवादास्पद बयानों और राहुल गांधी को लेकर पुराने ट्वीट्स के देखते हुए स्वभाविक भी थी.
राहुल गांधी काफी गंभीर नजर आए
वहीं राहुल गांधी सफेद कुर्ता-पायजामा में नजर आए, और उनकी बॉडी लैंग्वेज गंभीर थी. वह रेखा गुप्ता की बात सुनते हुए ध्यान से देख रहे थे, लेकिन उनके चेहरे पर मुस्कान नहीं थी. उनकी भुजाएं क्रॉस थीं. राहुल गांधी को जब रेखा गुप्ता ने कुछ बताने की कोशिश की तो वे सवाल करते भी नजर आए. कुछ पूछते दिखे, जिसका जवाब भी रेखा गुप्ता देती नजर आईं. साफ था कि दोनों की मुलाकात एक सामान्य सियासी भेंट थी, जिसमें दोनों नेताओं ने शिष्टाचार का पालन किया.
सियासी मतभेद भुलाने को तैयार नहीं
सोशल मीडिया में यह तस्वीर देखते ही देखते वायरल हो गई. कुछ लोगों ने कहा, दोनों नेताओं का एक मंच पर आना और बातचीत करना स्वस्थ लोकतंत्र का प्रतीक है, लोकतंत्र में ऐसी तस्वीरें आते रहनी चाहिए. लेकिन कुछ ने लिखा, उनके हावभाव से स्पष्ट है कि दोनों के बीच तल्खी बरकरार है. रेखा गुप्ता की औपचारिक मुस्कान और राहुल गांधी की गंभीरता इस बात का संकेत देती है कि यह मुलाकात सिर्फ औपचारिकता तक सीमित थी, और दोनों अपने सियासी मतभेदों को भूलने को तैयार नहीं हैं. रेखा गुप्ता के कुछ पुराने ट्वीट्स भी इसके साथ वायरल होने लगे, जिसमें उन्होंने गांधी परिवार को सुनाया था.