वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण गुरुवार को संसद में नया इनकम टैक्स बिल पेश करने वाली हैं. छोटे-बड़े सभी करदाताओं की निगाह इसी पर टिकी रहेगी कि इस बिल में आखिर क्या नया होने वाला है. बिल से जुड़े जानकारों का कहना है कि इनकम टैक्स के नए कानून को और सरल बनाने के साथ इसमें क्रिप्टोकरेंसी को भी शामिल किया गया है. साथ ही आईटीआर भरने वालों का कुछ नई चीजों से भी सामना होगा.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण लोकसभा में आयकर (आई-टी) विधेयक, 2025 पेश करते समय इसमें शामिल स्पष्टता और सरलता पर खासतौर से जोर देंगी. इस कानून का उद्देश्य मौजूदा अधिनियम के अप्रासंगिक प्रावधानों को निरस्त करना और नए फीचर्स को शामिल करना है. नया विधेयक न सिर्फ छोटा किया गया है, बल्कि इसमें सरल भाषा का उपयोग भी किया गया है. जाहिर है कि निवेशकों और करदाताओं को नए बिल के साथ कुछ नई शब्दावलियों का भी सामना करना पड़ेगा.
नए इनकम टैक्स बिल में पर्सनल टैक्सपेयर्स के भी कई बदलाव किए गए हैं. मसलन, अब आप आईटीआर भरते समय असेसमेंट यानी आकलन वर्ष की जगह टैक्स ईयर जैसे शब्दों का सामाना करेंगे. किप्टोकरेंसी पर कैसे टैक्स लगाया जाएगा, इसका भी स्पष्ट प्रावधान नए कानून में होगा. सहकारी समितियों को मिलने वाली टैक्स छूट को भी सीधे और सरल भाषा में लिखा गया है. स्टार्टअप्स के लिए इंसेंटिव, एनआरआई पर टैक्स कैसे लगाया जाए, कैपिटल गेन पर टैक्स जैसी चीजों को भी सरल और सीधे तरीके से लिखा गया है.
नए इनकम टैक्स बिल में नौकरीपेशा के लिए भी खास बदलाव हुआ है. अभी तक नौकरीपेशा को मिलने वाले डिडक्शन को अलग-अलग रखा जाता था, लेकिन नए कानून में सभी डिडक्शंस को एक साथ लाया जाएगा. जैसे स्टैंडर्ड डिडक्शन, निवेश पर छूट, एचआरए, लीव इनकैशमेंट, एलटीए जैसी सभी छूटों को एकसाथ लाकर इसे आसान किया जाएगा.