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अमेरिका अपने न्यूक्लियर सबमरीन अब कहीं भी छुपा ले, चीन की नजर से नहीं बचेगा, ड्रैगन की पैनी नजर

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अमेरिकी नौसेना की परमाणु शक्तियों से लैसे पनडुब्बियों को दुनिया की सबसे छुपी हुई युद्ध मशीनों में से एक माना जाता है. लेकिन पनडुब्बी-खोज तकनीक में प्रगति के साथ, चीनी वैज्ञानिकों का दावा है कि वे अब सबसे शांत परमाणु पनडुब्बियों का भी पता लगा सकते हैं. शियान स्थित नॉर्थवेस्टर्न पॉलिटेक्निकल यूनिवर्सिटी (NPU) के रिसर्चर्स का दावा है कि वे अब पनडुब्बियों द्वारा उत्पन्न चुंबकीय क्षेत्रों का इस्तेमाल करके सबसे शांत पनडुब्बियों का भी पता लगा सकते हैं. ये चुंबकीय क्षेत्र पनडुब्बियों के चलने से उत्पन्न पेचीदा और अशांत प्रवाह क्षेत्रों के कारण बनते हैं. हांगकांग स्थित साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की रिपोर्ट के अनुसार, यह नई तकनीक नौसैनिक युद्ध में क्रांति ला सकती है.

सहायक प्रोफेसर वांग होंगलेई की अगुवाई में टीम ने केल्विन वेक का मॉडल तैयार किया है, जो पनडुब्बियों के पानी में चलने से उत्पन्न वी-आकार की सतह की गड़बड़ी है. रिपोर्ट के अनुसार, “इस वेक का पहले रडार-आधारित इमेजरी डिटेक्शन के लिए अध्ययन किया गया था, लेकिन जब समुद्री जल के आयन – जो पनडुब्बी की गति से प्रभावित होते हैं – पृथ्वी के भू-चुंबकीय क्षेत्र के साथ संपर्क में आते हैं, तो यह एक हल्का लेकिन पता लगाने योग्य चुंबकीय क्षेत्र उत्पन्न करता है.”

रिसर्चर्स ने कंप्यूटर सिमुलेशन का इस्मेताल करके पनडुब्बी के आकार, गहराई और गति के साथ इन चुंबकीय बदलाव में होने वाले परिवर्तनों को मापा. उन्होंने कहा, “उदाहरण के लिए, गति को 2.5 मीटर प्रति सेकंड (8.2 फीट प्रति सेकंड) बढ़ाने से चुंबकीय तीव्रता दस गुना बढ़ जाती है; गहराई को 20 मीटर (66 फीट) कम करने से क्षेत्र की ताकत दोगुनी हो जाती है; और लंबी पनडुब्बियां कमजोर क्षेत्र उत्पन्न करती हैं, जबकि चौड़ी पतवारें उन्हें बढ़ाती हैं.”

वांग और उनके सहयोगियों के अनुसार, एक सीवुल्फ-क्लास पनडुब्बी जो 24 नॉट्स (12.5 मीटर प्रति सेकंड) की गति से और 30 मीटर (98 फीट) की गहराई पर चल रही हो, उसकी वेक का चुंबकीय क्षेत्र 10-¹² टेस्ला तक पहुंच सकता है. यह “मौजूदा हवाई मैग्नेटोमीटर की संवेदनशीलता सीमा के भीतर” है. हार्बिन इंजीनियरिंग यूनिवर्सिटी के पीयर-रिव्यूड जर्नल में 4 दिसंबर को प्रकाशित इस स्टडी में टीम ने एक महत्वपूर्ण खामी का उपयोग किया: “केल्विन वेक को चुप नहीं कराया जा सकता.” इस रिसर्च पेपर में विशेष रूप से सीवोल्फ-क्लास पनडुब्बी का रिसर्च किया गया. दिलचस्प बात यह है कि पिछले अक्टूबर में यूएस नेवी की परमाणु लैस फास्ट-अटैक पनडुब्बी, यूएसएस सीवुल्फ, जापान के योकोसुका में देखी गई थी, जो चीन के नजदीक है.

सीवुल्फ-क्लास पनडुब्बियों को अमेरिकी नौसेना की सबसे शक्तिशाली, घातक, जटिल और महंगी पानी के नीचे की कॉम्बेट प्लेटफार्मों में से एक माना जाता है, जो दुश्मन के तट के पास हाई-लेवल मिशनों के लिए डिज़ाइन की गई हैं. इन्हें “साइलेंट किलर्स” के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि ये गहराई में जाकर महीनों तक लक्ष्यों का पीछा कर सकती हैं.

सीवुल्फ-क्लास पनडुब्बियां बड़ी मात्रा में टॉमहॉक मिसाइलों और टॉरपीडो से लैस होती हैं, जो चीन के तटीय बुनियादी ढांचे और पीएलए नौसेना के लिए गंभीर खतरा पैदा कर सकती हैं. सीवुल्फ-क्लास की एक पनडुब्बी – यूएसएस कनेक्टिकट – अक्टूबर 2021 में विवादित दक्षिण चीन सागर में एक पानी के नीचे के पहाड़ से टकरा गई थी. चूंकि पनडुब्बी एक सीक्रेट मिशन पर थी, इसलिए उसकी स्थिति के बारे में जानकारी नहीं थी. इस घटना से चीन बौखला गया था.

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