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महाराष्ट्र में इन दिनों चर्चा है कि विधानसभा चुनावों के बाद शिंदे की बड़ी नाराजगी को भाजपा अभी तक नहीं भूली

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मुंबई
महाराष्ट्र में इन दिनों इस बात की चर्चा है कि विधानसभा चुनावों के बाद शिंदे की बड़ी नाराजगी को भाजपा अभी तक नहीं भूली है। हाल ही में, शिंदे ने राज्य के कुछ जिलों में संरक्षक मंत्रियों की नियुक्ति पर कड़ी आपत्ति जताई थी। भाजपा को उनकी यह दबाव की राजनीति नहीं हजम हो रही है। महाराष्ट्र के सियासी महकमों में इन दिनों अटलकों के बाजार गर्म हैं। भाजपा और उसकी पुरानी सहयोगी शिवसेना (यूबीटी) के फिर से एक होने को लेकर चर्चाएं तेज हैं। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हालांकि इसका खंडन कर दिया है, लेकिन अब भी ऐसी चर्चाएं जोरों पर हैं। ऐसा इसलिए क्योंकि भाजपा एकनाथ शिंदे के दबाव को गैर-जरूरी मान रही है। माना जा रहा है कि उन्हें नियंत्रण में रखने के लिए ही उद्धव ठाकरे से करीबियां बढ़ाई जा रही हैं।

महाराष्ट्र सरकार में मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने एक शादी समारोह में उद्धव ठाकरे से कहा कि वह उस स्वर्णिम क्षण का इंतजार कर रहे हैं, जब दोनों पार्टियां फिर से गठबंधन करेंगी। पाटिल ने यह बयान बीजेपी विधायक पराग अलावनी की बेटी की शादी में ठाकरे से मुलाकात के दौरान दिया। उद्धव ठाकरे के निजी सहायक और एमएलसी मिलिंद नार्वेकर ने पाटिल से पूछा कि दोनों पार्टियां कब एक साथ आएंगी, तो पाटिल ने कहा, "मैं उस स्वर्णिम क्षण का इंतजार कर रहा हूं।"

इस बयान के बाद शिवसेना (UBT) के सांसद संजय राउत ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा, "पाटिल शुरुआत से ही शिवसेना-बीजेपी गठबंधन के समर्थक रहे हैं। उनके विचार शिवसेना (UBT) के कई नेताओं के द्वारा साझा किए जाते हैं। हमने उनके साथ 25 साल तक अच्छा काम किया। हमने मोदी के साथ भी अच्छा काम किया। लेकिन अमित शाह के उदय के बाद गठबंधन में निराशा आ गई।”

हालांकि, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस राजनीतिक हलचल को खारिज कर दिया और कहा कि पार्टियां शादी समारोहों में मिलकर न तो करीबी आती हैं और न ही गठबंधन बनाती हैं। आपको बता दें कि हाल के विधानसभा चुनावों में अपनी व्यापक जीत से उत्साहित भाजपा अपने प्रभुत्व का विस्तार करने के लिए दृढ़ संकल्प है। इसके लिए उसके सहयोगियों की कीमत चुकाने को भी तैयार है। इसके लिए भगवा पार्टी ने उपमुख्यमंत्री और शिवसेना प्रमुख एकनाथ शिंदे के क्षेत्र में कदम रखकर अपना पहला कदम उठाने के संकेत दिए हैं। शिंदे ठाणे के संरक्षक मंत्री हैं, लेकिन भाजपा के मंत्री गणेश नाइक भी ठाणे में जनता दरबार लगाएंगे। वह पड़ोस के पालघर जिले के संरक्षक मंत्री हैं। नाइक का यह कदम निस्संदेह शिंदे के अपने गृह क्षेत्र में उनके अधिकार को चुनौती देने के उद्देश्य से है।

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