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देश की राजधानी में गणतंत्र दिवस परेड में ‘चीता द प्राइड ऑफ इंडिया’ की थीम पर केंद्रित होगी मध्य प्रदेश की झांकी

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   भोपाल
 गणतंत्र दिवस पर नई दिल्ली में कर्तव्यपथ पर होने वाली परेड़ में मध्यप्रदेश की झाँकी “चीता द प्राइड ऑफ इण्डिया’’ की थीम पर केन्द्रित होगी। झाँकी में मध्यप्रदेश में चीतों की ऐतिहासिक पुनर्स्थापना की झलक दिखेगी। इस झांकी में 70 वर्ष पूर्व भारत में चीतों के खत्म होने से लेकर उनकी फिर से वापसी की पूरी कहानी एक लघु फिल्म और चित्रों के जरिए दिखाई जाएगी।

झांकी में कूनो और चीतों की झलक- गणतंत्र दिवस पर मध्यप्रदेश की झाँकी में भारत में चीतों के सफल पुनर्स्थापन को दर्शाया गया है। झांकी के अग्रभाग में कूनो राष्ट्रीय उद्यान के वयस्क चीतों का जोड़ा और कूनो में जन्मे नन्हें चीता शावकों को दर्शाया गया है। झाँकी के मध्य भाग में बहती हुई कूनो नदी और इसके आसपास राष्ट्रीय उद्यान के वनावरण एवं प्राकृतिक आवास में विचरण करते हुए वन्य-जीव, जिनमें हिरण, बंदर, पक्षी और चीते उनकी बढ़ती हुई संख्या के साथ जैव-विविधता के लिये एक आदर्श के रूप में कूनो अभयारण्य को दर्शाया गया है।

झाँकी के मध्य भाग के पिछले हिस्से में पेड़ के नीचे बैठे “चीता मित्र’’ स्थानीय निवासियों को चीता संरक्षण के बारे में प्रशिक्षित कर रहे हैं। झाँकी के अंतिम भाग में वनकर्मी वाच-टॉवर से चीतों की निगरानी करते दिखाई दे रहे हैं, जो सफल चीता परियोजना में सक्रिय योगदान दे रहे हैं। झाँकी के दोनों ओर एलईडी पेनल्स के माध्यम से कूनो राष्ट्रीय उद्यान में चीतों पर केन्द्रित फिल्म को भी प्रदर्शित किया जा रहा है। झाँकी के दोनों ओर नृत्य दल श्योपुर जिले का सहरिया जनजाति नृत्य “लहंगी’’ करते हुए नजर आयेंगे।

गौरतलब है कि मध्यप्रदेश के श्योपुर जिले में कूनो नदी के किनारे स्थित राष्ट्रीय कूनो अभयारण्य देश में चीतों का फिर से बसाया गया है। पुनर्स्थापना की सफल परियोजना के परिणाम स्वरूप वर्तमान कूनो में वयस्क और शावक सहित कुल 24 चीते मौजूद है। प्रदेश में चीता परियोजना की सफलता के साथ अब मध्यप्रदेश “टाइगर स्टेट’’ और “चीता स्टेट’’ भी बन गया है।
 

 

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