Home मध्य प्रदेश HC ने ओबीसी आरक्षण की 86 याचिकाओं पर अब अंतिम सुनवाई 20...

HC ने ओबीसी आरक्षण की 86 याचिकाओं पर अब अंतिम सुनवाई 20 जनवरी, 2025 को निर्धारित की गई है

12

जबलपुर
हाई कोर्ट ने मध्य प्रदेश शासन से पूछा है कि अन्य पिछड़ा वर्ग को जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण का लाभ क्यों नहीं दिया जा रहा है। इस सिलसिले में सरकार को जवाब पेश करने के निर्देश दिए गए हैं।

एडवोकेट यूनियन फार डेमोक्रेसी एंड सोशल जस्टिस संस्था ने जनहित याचिका दायर कर ओबीसी वर्ग को उसकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की मांग की गई थी। याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता रामेश्वर सिंह ठाकुर एवं विनायक प्रसाद शाह व राज्य शासन की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता हरप्रीत सिंह रूपराह व अमित सेठ ने पक्ष रखा।

10 दिन के स्थान पर एक माह का समय दिया

शुक्रवार को सुनवाई के दौरान मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने सरकार से पूछा कि क्यों न ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण का अंतरिम आदेश देकर समस्त याचिकाओं पर अंतिम फैसला इसके अधीन कर दिया जाए। इस पर सरकार की ओर से आपत्ति पेश की गई और कहा गया कि इन मामलों में सालिसिटर जरल तुषार मेहता पक्ष रखेंगे।

पांच भागों में बांटें प्रकरण

मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने महाधिवक्ता प्रशांत सिंह को निर्देश दिए कि ओबीसी आरक्षण से जुड़े सभी मामलों को पांच भागों में वर्गीकृत करें। पहली वो याचिकाएं जो ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने के विरोध में हैं और दूसरी वो जो इसके समर्थन में हैं।

एक वर्ग में उन मामलों को रखा जाए जिसमें सामान्य प्रशासन विभाग तथा महाधिवक्ता के अभिमत के अनुसार 87:13 प्रतिशत फार्मूले को चुनौती दी गई है। एक वर्ग में उन याचिकाओं को रखा जाए जिनमें अभ्यर्थियों की नियुक्ति होल्ड करने को चुनौती दी गई है। वहीं पांचवें वर्ग में ओबीसी को उनकी जनसंख्या के अनुपात में आरक्षण की मांग वाला याचिकाओं को शामिल किया जाए।

मंदिर की भूमि बेचने पर 20 दिसंबर तक मांगा जवाब

हाई कोर्ट की जबलपुर बेंच के मुख्य न्यायाधीश सुरेश कुमार कैत व न्यायमूर्ति विवेक जैन की युगलपीठ ने मंदिर की भूमि बेचे जाने के रवैये पर जवाब-तलब कर लिया है। इस सिलसिले में राज्य शासन, प्रमुख सचिव, टीकमगढ़ के कलेक्टर, एसडीएम व व टीआई सहित अन्य को नोटिस जारी किए गए हैं। अगली सुनवाई 20 दिसंबर को नियत की गई है।

जनहित याचिकाकर्ता खेमचंद अहिरवार की ओर से पक्ष रखा गया। दलील दी गई कि ग्राम बगौरा जिला टीकमगढ़ में ग्रामवासियों के सहयोग से हनुमान मंदिर की स्थापना की गई थी। हनुमान मंदिर शासकीय जमीन पर बनाया गया था। मंदिर लोगों की आस्था का प्रतीक है और बड़ी संख्या में लोग दर्शन करने आते हैं।

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here